जयपुर

मृतक पुजारी के शव को सिविल लाइंस फाटक पर रखकर भाजपा ने किया प्रदर्शन, मंत्री हरीश चौधरी बोले शव को रखकर कुछ हासिल करने की सोच नैतिकता नहीं, भाजपा नेताओं ने सरकार पर लगाए संवेदनहीनता के आरोप

दौसा जिले के महवा के पास टीकरी गांव में मंदिर की जमीन हड़पने से पुजारी की मौत का मामला अब जयपुर पहुंच गया है। भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा पुजारी के शव को गुपचुप तरीके से लेकर रात मेंं महवा से जयपुर पहुंच गए। दोपहर में भाजपा नेताओं ने सिविल लाइंस फाटक पर पुजारी का शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। अचानक हुए इस घटनाक्रम से सरकार भी सकते में आ गई। मुख्यमंत्री ने मंत्री हरीश चौधरी को वार्ता का जिम्मा सौंपा और भाजपा नेताओं को वार्ता के लिए बुलावा भेजा गया। शाम 4 बजे भाजपा के 9 नेता और समाज के दो प्रतिनिधि वार्ता के लिए चौधरी के पास पहुंचे, लेकिन वार्ता बेनतीज रही।

वार्ता के बाद भाजपा नेताओं ने सरकार पर संवेदनहीनता के आरोप लगाए, तो मंत्री हरीश चौधरी ने पत्रकारों को बताया कि पुजारी शंभु शर्मा का तुरंत दाह संस्कार होना चाहिए। शव को रखकर कुछ हासिल करने की सोच नैतिकता नहीं है। पुजारी की मौत के बारे में जांच हो रही है। जांच निष्पक्ष हो इसके लिए संबंधित तहसीलदार को हटा कर पदस्थापन की प्रतीक्षा में रखा गया है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। मंदिर माफी की जमीन का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है।

भाजपा के नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार तुरंत प्रभाव से मृतक पुजारी शंभू के परिजनों को कम से कम 50 लाख रुपए और एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दे। राज्य में 18000 बीघा जमीन मंदिर माफी की ज़मीन है, जो सभी पुजारियों के नाम की जाए और प्रदेशभर के पुजारियों को सरकार 10000 महीने तनख्वाह भी दे। राज्य में भू माफियाओं के खिलाफ कानून बनाया जाए, ताकि मंदिर माफी की जमीनों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके और सभी जमीनों को चिन्हित कर उनको पूजा पाठ करने वाले पुजारियों के नाम की जाए।

इससे पूर्व भाजपा के प्रदर्शन को देखते हुए भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है। फाटक को बंद कर यातायात को डायवर्ट कर दिया गया। भाजपा नेता और कार्यकर्ता पुजारी के शव को ताबूत में रखकर धरने पर डटे रहे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। मीणा शव लेकर प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंचे जहां से भाजपा नेताओं के साथ मिलकर उन्होंने सिविल लाइंस कूच किया। इस दौरान उनके साथ जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा, पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, विधायक अशोक लाहोटी, कालीचरण सराफ , सुमन शर्मा और जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे। मामले की जानकारी मिलते ही भाजपा के कई और नेता भी फाटक पर आ गए।

इस दौरान मीणा ने कहा कि हमारी सुनवाई नहीं हुई है। पार्टी अध्यक्ष का निर्देश था कि शव को यहां पर लाया जाए। छह दिन से हम न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। ब्राह्मण समाज न्याय मांग रहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। हम गहलोत साहब को जगाने आए हैं, वे निंद्रा से जागें और हमारी बात सुनें।

गत दिनों टिकरी गांव के 75 वर्षीय बुजुर्ग पुजारी शंभू शर्मा की मौत हो गई थी। परिजनों का आरोप है कि गांव के कुछ भूमाफियाओं और दबंगों ने अफसरों से गठजोड़ करके उसकी बेशकीमती जमीन को हथिया लिया। इस सदमे में बुजुर्ग पुजारी की मौत हो गई। पुजारी के नियंत्रण की मंदिर माफी की 26 बीघा जमीन को भूमाफियाओं ने मिलीभगत से रजिस्ट्री करवा ली।

मृतक शंभू शर्मा की जमीन की रजिस्ट्री षड्यंत्र करने के मामले में तहसीलदार को एपीओ करने के आदेश, मृतक द्वारा पूर्व में दर्ज मुकदमे की धारा 420 में अब धारा 302 को भी जोड़ा गया। एसपी द्वारा मामले की पड़ताल के लिए तीन टीम गठित की है। षड्यंत्र में लिप्त अपराधियों को जल्दी पकड़ने का आश्वासन और मंदिर माफी की जमीन पर अवैध निर्माण को प्रशासन द्वारा गुरुवार 3 बजे तक तोड़ने का आश्वासन दिया था।

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