जयपुर। निकाय चुनावों के लिए टिकट वितरण के साथ ही भाजपा के लिए विवादों का पिटारा खुल गया है। अब कई सामाजिक संगठन विरोध में उतर आए हैं। इसमें सबसे प्रमुख जैन समाज की ओर से विरोध किया जा रहा है। जैन समाज का कहना है कि टिकट वितरण में उनके समाज की अनदेखी भाजपा को चुनावों में भारी पड़ेगी।
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शहर भाजपा में जैन समाज बड़ा प्रभुत्व रखता है। विधानसभा चुनावों में जैन समाज के साथ सौतेला व्यवहार किया गया और अब निकाय चुनाव में भी जैन समाज को हाशिये पर डाल दिया गया है। इसको लेकर समाज के लोगों में भारी रोष है और वह कह रहे हैं कि समाज परंपरागत भाजपा का वोटर है, इसके बावजूद उनके समाज के टिकट के दावेदारों के साथ ऐसा व्यवहार ठीक नहीं है। शहर भाजपा में समाज के नेताओं को लगातार दरकिनार किया जा रहा है।
पहले महापौर निर्मल नाहटा को अकारण पद से हटा दिया गया। इसके बाद शहर अध्यक्ष संजय जैन को शहर अध्यक्ष पद से हटाया गया। सुनील कोठारी शहर अध्यक्ष बने तो उन्हें भी ज्यादा दिनों तक पद पर नहीं रहने दिया गया और निकाय चुनावों के ऐन पहले उन्हें पद से हटा दिया गया। अब निकाय चुनावों में भी कोठारी के समर्थकों को टिकट नहीं देकर भाजपा ने जैन समाज की नाराजगी मोल ले ली है।
शहर भाजपा में कोठारी जैन समाज की ओर से बड़ा चेहरा हैं और उन्हें लगातार कमजोर किया गया, जिससे समाज में नाराजगी है। कोठारी मालवीय नगर, किशनपोल और आदर्शनगर विधानसभा क्षेत्र से बड़े दावेदार के रूप में उभर रहे थे, इसलिए कोठारी को कमजोर करने की कवायद की गई। हाल यह हुआ कि कोठारी अपने भाई तक को टिकट दिलाने में नाकामयाब रहे।
भाजपा की लिस्ट सामने आते ही जैन समाज के सोश्यल मीडिया ग्रुपों में हंगामा मच गया। लोगों ने समाज के प्रति भाजपा के इस रवैये का जमकर विरोध किया। समाज के लोगों की ओर से जबरदस्त तरीके से भाजपा के बायकॉट का माहौल बनाया जा रहा है। ऐसे में जैन समाज निकाय चुनावों में भाजपा पर भारी पड़ सकता है।