नयी दिल्ली। संदेह होता है कि कांग्रेस और तिरुवनंतपुरम से इसके सांसद शशि थरूर के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। विद्वान और चर्चित सांसद शशि थरूर ने फरवरी के बाद दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सार्वजनिक रूप से प्रशंसा की है।
मंगलवार को रायसीना डायलॉग 2025 के मंच पर, थरूर ने स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की स्थिति की आलोचना करने पर उन्हें “चेहरे पर अंडा” लगा महसूस हुआ। उन्होंने माना कि भारत की तटस्थ नीति के चलते ही आज देश के पास ऐसा प्रधानमंत्री है, जो यूक्रेन के राष्ट्रपति और रूस के राष्ट्रपति दोनों को गले लगा सकता है।
बीजेपी नेताओं ने थरूर के इस बयान को तुरंत लपक लिया और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर शशि थरूर ने क्या कहा?
रायसीना डायलॉग 2025 के दौरान शशि थरूर ने कहा, “मैं अब भी अपने चेहरे से अंडा साफ कर रहा हूं, क्योंकि मैं ही वह शख्स था जिसने फरवरी 2022 में संसद में भारत की स्थिति की आलोचना की थी।”
थरूर ने यह भी कहा कि अब जब तीन साल बीत चुके हैं, तो यह स्पष्ट हो गया है कि भारत की नीति ने देश को ऐसी स्थिति में ला दिया है कि प्रधानमंत्री दोनों देशों के नेताओं से मिल सकते हैं और दोनों जगह स्वीकार किए जाते हैं। थरूर ने कहा, “अब हम ऐसे बिंदु पर हैं जहां भारत स्थायी शांति में योगदान दे सकता है, जो बहुत कम देशों के लिए संभव है।”
BJP की ओर से शशि थरूर की दुर्लभ प्रशंसा
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने बुधवार को कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी को शशि थरूर के इस रुख की सराहना करनी चाहिए। पात्रा ने कहा, “शशि थरूर कूटनीति को समझते हैं; वे लंबे समय तक संयुक्त राष्ट्र में रह चुके हैं। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रधानमंत्री मोदी के रुख की सराहना की है। कांग्रेस के अन्य नेताओं को भी उनसे सीख लेनी चाहिए और हर बार पीएम मोदी और देश के खिलाफ बोलने से बचना चाहिए।”
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने भी थरूर के इस बयान का स्वागत करते हुए कहा, “उन्होंने माना कि उनके पहले के बयान सही नहीं थे – देर आए, दुरुस्त आए। जैसे शशि थरूर ने यह स्वीकार किया है, वैसे ही कांग्रेस के अन्य नेताओं को भी करना चाहिए।”
शशि थरूर की मोदी की पूर्व प्रशंसा
शशि थरूर समय-समय पर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते रहे हैं..
1. इस्लामिक देशों तक मोदी की पहुंच (जुलाई 2023)
थरूर ने मोदी की इस्लामी दुनिया तक पहुंच को “उल्लेखनीय” बताया और कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत और मुस्लिम देशों के संबंध बेहतर हुए हैं।
2. अमेरिका यात्रा की प्रशंसा (फरवरी 2025)
थरूर ने पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान व्यापार और रक्षा समझौतों में प्रगति की सराहना की और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के पुनरारंभ का स्वागत किया।
3. रूस-यूक्रेन नीति की सराहना (मार्च 2025)
थरूर ने माना कि भारत की तटस्थ नीति ने उसे शांति स्थापना में अहम भूमिका निभाने के काबिल बना दिया है और उन्होंने अपनी पिछली आलोचना को गलत बताया।
कांग्रेस और शशि थरूर के रिश्तों में सब कुछ ठीक?
तिरुवनंतपुरम से चार बार सांसद रहे शशि थरूर को लेकर कांग्रेस में उनके भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद थरूर ने संकेत दिया था कि यदि पार्टी को उनकी जरूरत नहीं है तो उनके पास “अन्य विकल्प” भी हैं, जिससे उनके पार्टी छोड़ने की अटकलें और तेज हो गईं।
यह बयान तब आया जब थरूर ने पीएम मोदी और केरल की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार की भी सार्वजनिक रूप से प्रशंसा की जो कांग्रेस के आधिकारिक रुख के विपरीत था।
हालांकि, इन मतभेदों के बाद राहुल गांधी ने केरल के कांग्रेस नेताओं के साथ एक बैठक की, जिसमें थरूर भी शामिल थे। इसके बाद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “केरल में पार्टी एकजुट है,” जिससे संदेश देने की कोशिश की गई कि सब कुछ सामान्य है।
इसके बावजूद, पार्टी में थरूर की भूमिका को लेकर असंतोष बना हुआ है। उन्होंने कई बार यह नाराजगी जाहिर की है कि उन्हें कांग्रेस में कोई स्पष्ट भूमिका नहीं दी गई है और बड़े मंचों से उन्हें दूर रखा गया।
हालांकि थरूर ने विवाद की अफवाहों को कम करते हुए कहा है कि उन्हें अब तक समझ नहीं आ रहा कि उनके बयान को लेकर विवाद क्यों खड़ा हो गया है।