ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत के पीएम मोदी मंगलवार को रूस के शहर कजान पहुंचे। वहां रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मोदी का गले लगाकर स्वागत किया। दोनों नेताओं ने इस दौरान विशेष द्विपक्षीय बातचीत की। पीएम मोदी युक्रेन जंग की समाप्ति को लेकर अपने पक्ष पर कायम रहते हुए कहा कि हर समस्या का समाधार शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत से ही हल हो सकता है। उन्होंने कहा कि भारत जल्द से जल्द समाधान चाहता है और हर संभव सहायता के लिए तैयार है।
मोदी-जिनपिंग में होगी मुलाकात
ब्रिक्स समिट 2024 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बुधवार को द्विपक्षीय बैठक होगी। इस जानकारी की पुष्टि रूस के कजान में आयोजित समिट के दौरान भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने की। उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं के बीच यह बैठक महत्वपूर्ण है क्योंकि 2020 में गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष के बाद से भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ था। इस बैठक के बाद दोनों देशों के संबंधों में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
इससे पहले, चीन ने पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच लंबे समय से चले आ रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिए नई दिल्ली के साथ एक समझौते की पुष्टि की थी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर पर बातचीत जारी रही है। उन्होंने बताया कि दोनों पक्ष प्रासंगिक मुद्दों पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं, जिसे लागू करने के लिए चीन भारत के साथ मिलकर काम करेगा।
ईरान के राष्ट्रपति पेजेशकियान से भी मुलाकात
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने समिट के दौरान ईरान के राष्ट्रपति पेजेशकियान से भी मुलाकात की, जिसमें पश्चिम एशिया के मौजूदा हालात पर चर्चा की गई। पीएम मोदी ने इस क्षेत्र में बढ़ते संघर्ष पर चिंता जताई और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ नुकसान को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने तनाव कम करने के लिए बातचीत और कूटनीति को आवश्यक बताया। ईरानी राष्ट्रपति ने भी क्षेत्र में शांति और सद्भाव की आवश्यकता पर जोर दिया, और भारत के अच्छे संबंधों को देखते हुए इस संघर्ष को कम करने में भारत की संभावित भूमिका पर सहमति जताई।