कूटनीतिलंदन

2050 तक बदल जाएगा शक्ति संतुलन..तीन महाशक्तियों में अमेरिका और चीन तो होंगे ही साथ में तीसरी महाशक्ति होगा…

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर का मानना है कि 2050 तक दुनिया का शक्ति संतुलन बदल जाएगा और मौजूदा महाशक्तियों में से कुछ इस रेस से बाहर हो सकती हैं। उनके अनुसार, उस समय तक दुनिया बहुध्रुवीय होगी, और सिर्फ तीन महाशक्तियां होंगी: अमेरिका, चीन और संभवतः भारत। ब्लेयर का कहना है कि इन तीन देशों के साथ संबंध बनाए रखना बाकी दुनिया के लिए अनिवार्य होगा, क्योंकि यही तीन देश भविष्य की दिशा तय करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बात पर जोर देते रहे हैं कि भारत सुपरपावर बनने की ओर अग्रसर है और यह भारत का युग है।
भारत की उभरती स्थिति
ब्लेयर ने अमेरिकी थिंक टैंक मिल्केन इंस्टीट्यूट की एनुअल समिट में कहा कि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड और वर्ल्ड इकोनॉमी फोरम का अनुमान है कि इस दशक के अंत तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अमेरिका और चीन शीर्ष पर रहेंगे, लेकिन उनके बीच की भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है। अमेरिका ने चीन पर तकनीकी और आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं, खासकर सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी में, और चीन को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश कर रहा है।
चीन का विस्तारवादी कदम
ब्लेयर ने कहा कि चीन भी अपने गठबंधन बनाने में जुटा है और रूस व उत्तर कोरिया के साथ उसके संबंध गहरे हैं। वहीं, भारत और अमेरिका के बीच दोस्ताना रिश्ते मजबूत हो रहे हैं, भले ही भारत के रूस के साथ ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चीन के विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट आई है, जिससे चीन से कंपनियां बाहर जा रही हैं।
अमेरिकी नीति पर आलोचना
टोनी ब्लेयर ने अमेरिकी नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पश्चिम की नीति में एक बड़ी समस्या यह है कि फैसले तो होते हैं, लेकिन उन पर अमल नहीं किया जाता। अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इसने तालिबान को फिर से सत्ता में आने का मौका दिया, जो कि इसके विपरीत उद्देश्य के लिए लड़ाई शुरू की गई थी।
इजरायल-हमास संघर्ष पर योजना
ब्लेयर ने इजरायल-हमास युद्ध पर भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि गाजा पट्टी की स्थिति खतरनाक है और इसे बढ़ने से रोकने के लिए एक नई योजना की आवश्यकता है। गाजा का न तो हमास के नियंत्रण में होना चाहिए और न ही इजरायल का। वहां पुनर्वास की शुरुआत की जानी चाहिए और लोगों को आत्मनिर्भर बनाना होगा। ब्लेयर ने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में चीन और ईरान की भूमिका अहम हो सकती है।

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