जयपुर। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के नाम से कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है। कांग्रेस में कहा जा रहा है कि यह सारा खेल भाजपा की ओर से रचा गया है, ताकि ओवैसी राजस्थान आकर कांग्रेस के पारंपरिक वोट काट सके, लेकिन अब यह मामला दूसरा रुख ले रहा है, जो कांग्रेस के लिए गंभीर विषय बन गया है, क्योंकि यदि बीटीपी की नाराजगी दूर नहीं की गई तो कांग्रेस को राजस्थान में ही नहीं बल्कि गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि डूंगरपुर जिला परिषद के मामले में बीटीपी कांग्रेस से नाराज हो गई। ऐसे में भाजपा को मौका मिल गया है और वह आदिवासी समुदाय को कांग्रेस के खिलाफ भड़काने में लगी है और आग में घी डालने का काम कर रही है। वसुंधरा गुट को हाशिये पर करने के बाद अब प्रदेश भाजपा में सबकुछ दिल्ली के इशारे पर हो रहा है। कहा जा रहा है कि इशारा मिलने के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने बयान जारी कर बीटीपी का नक्सलियों से कनेक्शन बता दिया।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस बयान के बाद बीटीपी और ज्यादा भड़क गई। बीटीपी ने नाराज होकर सोश्यल मीडिया पर ‘हैशटैग भाजपा कांग्रेस एक है’ अभियान शुरू कर दिया, जिसे आदिवासी समुदाय का समर्थन मिल रहा है। इस दौरान ओवैसी ने भी ट्वीट कर बीटीपी का समर्थन कर दिया।
ऐसे में कहा जा रहा है कि यदि बीटीपी और एआईएमआईएम एक साथ आते हैं तो यह गठजोड़ राजस्थान के साथ-साथ मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की चूलें हिला देगा, क्योंकि इन चारों राज्यों में आदिवासी समुदाय की बड़ी आबादी है। बीटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैशटैग अभियान में धमकी दे रहे हैं कि इन चारों राज्यों में उनके समुदाय की बड़ी आबादी है और वह आगे के चुनावों में दोनों राष्ट्रीय पार्टियों कांग्रेस और भाजपा को सबक सिखा देंगे।
इस घटनाक्रम में देखने वाली बात यह है कि यदि यह गठजोड़ हुआ तो भाजपा की तो बल्ले-बल्ले हो जाएगी, क्योंकि मुस्लिम समुदाय भाजपा को वोट देता नहीं है, इस समुदाय को ओवैसी साध लेंगे। वहीं आदिवासी समुदाय कांग्रेस का पारंपरिक वोटर है। बीटीपी भी एआईएमआईएम के साथ जाकर चार राज्यों में कांग्रेस की धुर विरोधी हो जाएगी। इसका असर दिखाई भी देने लगा है। ओवैसी का समर्थन मिलने के बाद बीटीपी ने सोश्यल मीडिया पर कांग्रेस हाईकमान और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सीधे हमले करने शुरू कर दिए हैं, जो कांग्रेस और बीटीपी के बीच गहरी खाई बना देंगे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता इस मामले में चुप्पी साधे बैठे हैं और कई बार कह चुके हैं, कि कोई भी पार्टी देश में कहीं से भी चुनाव लड़ सकती है। ऐसे में यदि ओवैसी राजस्थान आते हैं तो उन्हें कोई एतराज नहीं है। रही बात बीटीपी की तो भाजपा का कहना है कि जहां भी हिन्दु समुदाय में फूट दिखाई देती है, वहीं पर माओवादी और मुस्लिम संगठन हिन्दु समाज को तोड़ने के लिए पहुंच जाते हैं। आदिवासी आंदोलन में खुद प्रशासन कह चुका है कि दक्षिणी राजस्थान में हाल में हुई हिंसा और आंदोलनों में नक्सलियों का कनेक्शन सामने आ रहा है, तो फिर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने गलत क्या कह दिया है।
मुख्यमंत्री ने शुरू किया डैमेज कंट्रोल
बीटीपी एआईएमआईएम गठजोड़ को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है। गहलोत ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र की परम्पराओं और संस्कृति के संरक्षण के साथ ही शिक्षा के माध्यम से इस क्षेत्र के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। जनजातीय क्षेत्र के विद्यार्थियों को तकनीक के माध्यम से अध्ययन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री ने बांसवाड़ा के इंजीनियरिंग कॉलेज में आईटी आधारित आधुनिक पुस्तकालय स्थापित करने की घोषणा की। यह घोषणा गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा में महर्षि वाल्मीकि भवन, परीक्षा एवं शोध अनुभाग के लोकार्पण समारोह में की।