कूटनीति

कनाडा की वीजा नीति में बदलाव, भारतीय नागरिकों के लिए की गयीं शर्तें कड़ी

ओटावा। कनाडा ने अपनी वीजा नीति में बड़े बदलाव किए हैं, जिसमें 10 साल के मल्टी-एंट्री वीजा को समाप्त कर दिया गया है। अब भारतीय नागरिकों को विस्तारित अवधि के बजाय व्यक्तिगत मूल्यांकन के आधार पर कम अवधि के वीजा दिए जाएंगे। इमिग्रेशन, रिफ्यूजी एंड सिटिजनशिप कनाडा (आईआरसीसी) के अनुसार, यह कदम अस्थायी आव्रजन स्तरों को प्रबंधित करने, आवास की कमी दूर करने और जीवन की बढ़ती लागत पर नियंत्रण पाने की रणनीति का हिस्सा है।
पर्यटक वीजा पर सख्ती
विशेष रूप से पंजाब से आने वाले आवेदकों पर असर अधिक देखा जा रहा है। भारतीय नागरिकों के लिए कनाडा का वीजा मिलने की संभावना पहले 80% थी, जो अब 20% से भी कम हो गई है। एयरपोर्ट पर भारतीय यात्रियों की जांच भी सख्त कर दी गई है, और यात्रियों को सामान्य से पहले चेक-इन करने के निर्देश दिए जा रहे हैं।
वीजा अनुमोदन में गिरावट के कारण
आकस्मिक गिरावट:
2024 की पहली छमाही में भारतीय नागरिकों को जारी किए गए पर्यटक वीजा की संख्या 365,750 थी, जो 2023 की समान अवधि में 345,631 थी। हालांकि, जुलाई-अगस्त 2024 के बीच यह संख्या अचानक घट गई। यहां तक कि उच्च आय वाले पेशेवरों और सरकारी अधिकारियों को भी वित्तीय कारणों से वीजा अस्वीकृति का सामना करना पड़ा।
स्टाफ की कमी
कनाडा में भारतीय वीजा आवेदनों को संभालने वाले अधिकारियों की संख्या 2023 में 27 थी, जो अब घटकर केवल चार रह गई है। आव्रजन मंत्री मार्क मिलर के अनुसार, इस कमी ने ऑन-साइट वीजा प्रोसेसिंग की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।
सीमा का दुरुपयोग
अमेरिकी वीजा नियमों की कड़ी और लंबे प्रतीक्षा समय के कारण कई भारतीय कनाडा के जरिए अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश कर रहे हैं। जून 2024 में ही 5,000 से अधिक भारतीय बिना वैध दस्तावेज के कनाडा से अमेरिका में प्रवेश कर चुके हैं।
घरेलू आर्थिक दबाव
कनाडा अपनी आंतरिक आर्थिक चिंताओं, जैसे आवास संकट और बढ़ती महंगाई, को संभालने के लिए अस्थायी निवासियों की संख्या कम करने की कोशिश कर रहा है। इसके चलते वीजा आवेदनों की अधिक सख्ती से जांच हो रही है।
भारत-कनाडा संबंधों में तनाव का असर
दोनों देशों के बीच तनाव 2023 में तब शुरू हुआ, जब कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय अधिकारियों पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया। हालांकि, वीजा प्रतिबंधों और इस विवाद के बीच कोई सीधा संबंध स्थापित नहीं हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तनाव वीजा प्रक्रिया को और जटिल बना रहा है।
कनाडा की नई वीजा नीति न केवल आव्रजन पर बल्कि भारत-कनाडा संबंधों पर भी गहरा प्रभाव डाल

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