राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग ने उठाई जातिगत जनगणना की मांग
जयपुर। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) के अध्यक्ष (Chairman) डॉ. भगवान लाल साहनी और सदस्य डॉ. सुधा यादव तीन दिवस के दौरे पर राजस्थान (Rajasthan)आ रहे हैं। वे बुधवार को जयपुर आएंगे। इस दौरे से पहले राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग की ओर से जातिगत जनगणना की मांग उठाई गई है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव ओम प्रकाश बुनकर ने बताया कि आयोग के अध्यक्ष यहां राजकीय विश्राम गृृह, जयपुर में पिछड़ा वर्ग संगठनों के साथ मुलाकात करेंगे। इच्छुक संगठन इस दौरान सर्किट हाउस में उपस्थित होकर उनसे मुलाकात कर सकते हैं। यहां से वे शाम को सांभर जाएंगे। गुरूवार को दोपहर बाद सांभर से कोटपूतली होते हुए नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे। दौरे में उनके साथ आयोग के सलाहकार आनन्द कुमार और राजेश कुमार भी साथ रहेंगे।
वोट समीकरण गड़बड़ाने का खतरा, ओबीसी जातिगत जनगणना नही चाहता केंद्र
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रदेश संयोजक एवं अन्य पिछड़ा वर्ग सर्व समाज संगठन के अध्यक्ष राजेन्द्र सेन, कांग्रेस के पूर्व विधायक भोलाराम सैनी, राष्ट्रीय समता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष मोती बाबा फुले और कांग्रेस के दौसा के पूर्व जिला प्रमुख एवं राष्ट्रीय समता परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष महेन्द्र सिंह सांखला ने सयुक्त बयान में कहा कि जातिगत जनगणना की मांग सारे विपक्षी दलों से लेकर सत्तारूढ़ दल से भी उठ रही है।
केंद्र में सत्तारूढ़ दल का शीर्ष नेतृत्व किसी भी कीमत पर जातिगत जनगणना के लिए तैयार नही है। सत्तारूढ़ दल को डर है कि ओबीसी जातिगत जनगणना के बाद देशभर में राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल जाएंगे और जिसकी बड़ी चोट हिंदुत्व के मुद्दे पर पड़ेगी। सैन ने बताया कि यूपी, बिहार के भाजपा सांसद भी ओबीसी जातिगत जनगणना की मांग कर रहे है। ओबीसी जातिगत जनगणना के बाद यूपी, बिहार ही नही राजस्थान, गुजरात महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश के साथ साथ दक्षिण के राज्यो में भी राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल जाएंगे।
सैन ने कहा कि 2019 के बाद स्थितियां बदल गई। आम चुनाव में भाजपा को 44 फीसदी और क्षेत्रीय दलों को 27 फीसदी वोट ओबीसी के मिले। भाजपा की पकड़ ओबीसी पर मजबूत हुई लेकिन फिर भी जातिगत जनगणना बीजेपी को मंजूर नही क्योंकि बीजेपी अगड़ी जातियों के परंपरागत वोट बैंक को भी साधे रखना चाहती है।
सैन ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ-साथ अगड़ी जातियों को भय है कि जातिगत जनगणना से यूपी, बिहार, के साथ-साथ राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और दक्षिण के राज्यों में ओबीसी राजनीति हावी होगी और आने वाले आम चुनाव में नौकरियों, शिक्षण संस्थानों के साथ विधान सभा और लोकसभा में ओबीसी आरक्षण कोटा देने की मांग ओबीसी वर्ग के मतदाताओं और नेताओं द्वारा उठाई जाएगी। सेन ने कहा कि कांग्रेस अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग की ओर से ओबीसी आयोग के समक्ष जातिगत जनगणना कराने, लोकसभा और विधानसभा में ओबीसी वर्ग की सीटें रिजर्व करने, नौकरियों में उचित आरक्षण देने समेत अन्य मांगे उठाएंगे।