चंद्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग के बाद से ही लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर लगातार तस्वीरें जारी कर रहा है। इस बीच एक और नई तस्वीर सामने आई है, जिसे डुअल-फ्रीक्वेंसी सिंथेटिक एपर्चर रडार से लिया गया है।
इसरो ने एक्स पर तस्वीर जारी की हैं। इसके बारे में बताया गया है कि 6 सितंबर 2023 को चंद्रयान-3 ऑर्बिटर में लगे डुअल-फ्रीक्वेंसी सिंथेटिक एपर्चर रडार से लिया गया है। चंद्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग के बाद से ही लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर लगातार तस्वीरें जारी कर रहा है। इस बीच एक और नई तस्वीर सामने आई है। जिसे डुअल-फ्रीक्वेंसी सिंथेटिक एपर्चर रडार से लिया गया है।
क्या है सिंथेटिक एपर्चर रडार?
दरअसल, सिंथेटिक एपर्चर रडार सतह में प्रवेश करने के लिए रडार संकेत की क्षमता के कारण ग्रह सतहों और उपसतह का अध्ययन करने के लिए एक शक्तिशाली रिमोट सेंसिंग साधन है। यह सतह की सामग्री, संरचना के प्रति भी संवेदनशील है। साथ ही, यह सतह पर बिखरे हुए समान को प्राप्त करता है। रडार होने के कारण यह सूर्य की रोशनी के बिना भी तस्वीरें खींच सकता है।
23 अगस्त को चंद्रयान-3 ने की थी सफल लैंडिंग
उल्लेखनीय है कि चंद्रयान-3 मिशन को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था। इसके बाद चंद्रयान-3 ने कई प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी धु्रव पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी। बता दें कि चंद्रमा के दक्षिणी धु्रव पर पहुंचने वाला भारत पहला देश है। हालांकि, इससे पहले अमेरिका, चीन, सोवियत संघ (रूस) ने चंद्रमा के अलग-अलग हिस्सों पर सफल लैंडिग की थी।