परिवहन विभाग ने रोड सेफ्टी एक्ट का ड्राफ्ट किया तैयार, आमजन के सुझावों के लिए पब्लिक डोमेन पर किया जाएगा अपलोड
जयपुर। प्रदेश में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 15 दिनों के अंतराल में ही दोबारा राजस्थान के परिवहन विभाग के नट-बोल्ट टाइट किए हैं। गहलोत ने विभाग के अधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सख्त निर्देश भी दिए। इसमें ओवरलोडिंग और ओवरस्पीडिंग पर अंकुश लगाना प्रमुख है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने सोमवार को अपने निवास पर परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि हम सभी की जिम्मेदारी है। हर व्यक्ति को परिवहन नियमों की पालना करनी चाहिए, तभी मिलकर सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। समीक्षा बैठक में परिवहन अधिकारियों ने जानकारी दी कि विभाग द्वारा रोड सेफ्टी एक्ट का ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया गया है, तो गहलोत ने निर्देश दिए कि इसे और बेहतर बनाने के लिए पब्लिक डोमेन पर अपलोड कर आमजन से सुझाव आमंत्रित किए जाएं।
उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में वाहनों की ओवरलोडिंग और ओवरस्पीडिंग पर अंकुश लगाया जाए। इसके लिए परिवहन, पुलिस और संबंधित विभाग संयुक्त जांच अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई करें। चालान और वाहनों की जब्ती के साथ-साथ संबंधित वाहन मालिक, चालक के खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाए।
उन्होंने वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट, लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए और कहा कि सुनिश्चित किया जाए कि एक भी ड्राइविंग लाइसेंस बिना टेस्ट लिए न बनें। ई-व्हीकल को बढ़ावा देने हेतु इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लागू कराने, CNG नीति को समयबद्ध लागू कराने के भी दिशा-निर्देश दिए।
अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि 30 जून तक परिवहन विभाग के कर संग्रहण केंद्रों को बंद कराकर पूरी तरह से ऑनलाइन राशि जमा कराने प्रक्रिया शुरू की जाए। कार्यों में पारदर्शिता बढ़ाने हेतु ज्यादा से ज्यादा परिवहन सेवाओं को ऑनलाइन किया जाए।
गहलोत ने कहा कि प्रदेशवासियों को सुगम और सुरक्षित परिवहन उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। सड़क दुर्घटनाओं और उनमें होने वाली मृत्यु दर में कमी लाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए विभागीय अधिकारी विभिन्न माध्यमों से परिवहन नियमों के प्रति आमजन को जागरूक करें। साथ ही अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी करें।
गहलोत ने कहा कि ग्रामीण बस सेवा से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आवागमन में बड़ी राहत मिली थी। अब इसे फिर से शीघ्र ही शुरू किया जाएगा।