जयपुरराजनीति

कोरोना संक्रमण पर 11 मई को मुख्यमंत्री गहलोत का विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ संवाद, कहा मानव सेवा के लिए एकजुट हों

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजनेताओं और राजनीतिक क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे अपनी वैचारिक प्रतिबद्धताओं से ऊपर उठकर कोरोना महामारी के खिलाफ संघर्ष में एकजुट हों। उन्होंने मंगलवार, 11 मई को वीडियो कॉनफ्रेंस के माध्यम से विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के विषय पर सर्वदलीय संवाद में कहा कि मानव सेवा सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं का धर्म है और आज इसे निभाने का समय है। समाज के सभी वर्ग इस संकटकाल में यथासंभव मदद कर रहे हैं। राजनेताओं का भी यह दायित्व है कि महामारी के दौर में एक-दूसरे का संबल बनें और कोरोना महामारी के विरुद्ध जंग को जीतने के लिए लोगों को प्रेरित करें।

उन्होंने कहा कि प्रदेश और देश में कोरोना की दूसरी लहर बहुत अधिक घातक रूप लेकर आई है और इसका प्रसार सरकारों की तैयारियों से कई गुना तेज गति से बढ़ रहा है। इस संक्रमण को रोकना ही सर्वाधिक जरूरी काम है जिसमें राजनीतिक कार्यकताओं और नेताओं की बड़ी भूमिका हो सकती है। आम लोगों को रोग की गंभीरता के प्रति जागरूक करने, इससे बचाव करने तथा पीड़ित होने की स्थिति में उपचार उपलब्ध कराने में सहयोग करने के लिए राजनीतिक दलों को सकारात्मक प्रयास करने चाहिए।

गहलोत ने बताया कि कोरोना संकट से जूझने सहित जनहित में राजनेताओं तथा आमजन द्वारा की गई शिकायत और सुझावों को राज्य सरकार गंभीरता से लेती है। हम शिकायतों को आलोचना के रूप में नहीं लेते, क्योंकि सरकार के प्रयासों में रही कमी पर ध्यान आकर्षित करने से किसी बीमार को आवश्यक सुविधा मिल सकेगी।

गहलोत ने प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति का कोटा बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार से की जा रही मांग पर सभी राजनीतिक दलों से समर्थन मांगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सहित सभी पार्टियों के नेता केन्द्र सरकार से अपील करें कि राजस्थान में कोरोना संक्रमितों की बड़ी संख्या के दृष्टिगत मेडिकल ऑक्सीजन, अन्य संसाधनों तथा उपकरणों की अधिकाधिक पूर्ति की जाए। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां प्रदेश में सम्पूर्ण टीकाकरण के लिए वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाने की मांग को भी पुरजोर ढंग से केन्द्र के समक्ष रखें।

विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने महामारी से मुकाबले के लिए क्यूरेटिव अप्रोच के साथ-साथ प्रिवेन्टिव अप्रोच पर काम करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी महामारी से निपटने के लिए जमीनी स्तर पर काम राज्य सरकार को करना होता है लेकिन संसाधनों के समुचित प्रबंधन और संतुलित वितरण में केन्द्र सरकार की अहम भूमिका है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के खिलाफ जंग मजबूती से लड़ी जा रही है। राज्य सरकार ने चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया है लेकिन कोरोना महामारी भयावह रूप से सामने आई है और संसाधनों पर अत्यधिक दबाव है। ऐसे में आपसी वैचारिक मतभेदों को भुलाकर जीवन की रक्षा के लिए सभी राजनैतिक एवं सामाजिकसंगठनों को मिलकर काम करना होगा तथा प्रदेश हित में केन्द्र सरकार सहित हरसंभव स्रोतों से संसाधनों को जुटाने में मदद करनी होगी।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चन्द कटारिया ने कहा कि सभी राजनैतिक दल राज्य सरकार के साथ रचनात्मक सहयोग की अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। उन्होंने होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को दवाओं की आपूर्ति तथा मरीजों को प्रारंभिक राहत देने के लिए सीएचसी और पीएचएसी स्तर तक व्यवस्था मजबूत करने जैसे सुझाव दिए।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा, विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, राष्ट्रीय लोकदल के प्रतिनिधि एवं चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक रामप्रसाद, माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक बलवान पूनिया, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक पुखराज गर्ग, निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़ एवं संयम लोढा, पूर्व विधायक अमराराम, आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि रामपाल जाट, सीपीआई के प्रतिनिधि नरेन्द्र आचार्य, डीके छंगाणी एवं सुमित्रा चौपड़ा आदि ने भी अपने सुझाव एवं विचार साझा किए।

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