मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान सरकार के नाम से एक पोस्टर बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पुलिस के नॉमिनेट रंग में बने इस पोस्टर (poster) के जरिए बताया गया कि मस्जिद या मदरसे (Masjid – madarse) के स्टाफ से बदसलूकी करने, नुकसान पहुंचाने या काम में रुकावट डालने पर तीन साल की कैद की सजा होने की बात लिखी है। साथ ही इस कृत्य को गैर जमानती अपराध बताया है।
सोशल मीडिया पर वायरल इस पोस्टर की पड़ताल की तो सच सामने आया कि यह पोस्टर फेक है। सीएम के ओएसडी ने इस संबंध में ट्वीट कर सफाई दी साथ ही इस पोस्ट को वायरल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही। मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा ने बुधवाार को ट्वीट कर इस पोस्टर को फर्जी बताया। उन्होंने कहा कि राजस्थान के लिए ऐसे झूठे और भ्रम फैलाने वाली बातें करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने सभी से निवेदन किया है कि इस तरह की गलत पब्लिसिटी में शामिल होने से बचें। यह आगे और न फैले इसमें भी मदद करें। राजस्थान की साइबर पुलिस सेल (cyber police cell) एक्टिव हो गई है। अफवाह फैलाने वाले मुख्य सोर्स का पता लगाया जा रहा है, ताकी उसे जल्द से जल्द ट्रेस किया जा सके।
साथ ही सोशल मीडिया कंपनियों से इस तरह के कंटेंट को रोकने के लिए भी कहा गया है। उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही गहलोत ने यूपी-एमपी में गरीबों, थड़ी-ठेले, रेहड़ी वालों से धर्म के आधार पर मारपीट के वीडियो वायरल होने पर चिंता जताई थी। साथ ही ट्वीट कर कहा है कि राजस्थान में यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।