जयपुर। राजस्थान सरकार ने प्रदेश में चिकित्सा क्षेत्र में सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में विभिन्न जिलों में नए चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालन के लिए गठित राजस्थान मेडिकल एज्यूकेशन सोसायटी (राजमेस) का पुनर्गठन करने और सोसायटी के तहत 210 पदों का सृजन का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश में प्रस्तावित नए चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना के कार्य में तेजी आएगी और उनके संचालन का काम अधिक सुव्यवस्थित हो सकेगा।
गहलोत ने राजमेस सोसायटी का कार्यभार बढऩे के क्रम में इसका पुनर्गठन करने और पदों के सृजन को स्वीकृति दी है। वर्तमान में सोसायटी के संचालन के लिए 27 पद स्वीकृत हैं और सोसायटी के अधीन विभिन्न जिलों में 7 नए चिकित्सा महाविद्याय संचालित किए जा रहे हैं। हाल ही में स्वीकृत 15 मेडिकल कॉलेजों के साथ भविष्य में स्वीकृत होने वाले अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों का संचालन भी इसी सोसायटी के अधीन किया जाना है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग और वित्त विभाग के प्रस्ताव के अनुसार राजमेस सोसयटी में प्रशासन, विधि, लेखा, आयोजना, खरीद, अकादमिक, अभियांत्रिकी, अस्पताल प्रशासन और सूचना तकनीक आदि शाखाएं अथवा प्रभार गठित किए जाएंगे।
इसके माध्यम से मेडिकल कॉलेजों के लिए नियामक संस्थाओं द्वारा जारी मापदण्डों के अनुरूप अकादमिक एवं प्रशासनिक गतिविधियों, निर्माण कार्यों, वित्तीय संसाधनों के प्रबंधन, पर्यवेक्षण, मॉनिटरिंग सहित समस्त क्रियाकलापों का क्रियान्वयन किया जाएगा।
प्रस्ताव के अनुसार राजमेस सोसायटी में पुनर्गठन के बाद निदेशक का एक पद, अतिरिक्त निदेशक के 3, उप निदेशक के 6, सहायक निदेशक के 6, वित्तीय प्रबंधन के लिए वित्तीय सलाहकार से कनिष्ठ लेखाकार स्तर तक विभिन्न स्तर के 30, अभियांत्रिकी शाखा में मुख्य अभियंता से लेकर सहायक अभियंता स्तर के 35, आईटी शाखा में 50 पदों सहित कुल 237 पद सृजित हो जाएंगे।