जयपुर शहर के विभिन्न थानों द्वारा 92 श्रमिकों को बालश्रम (Child labour) व बाल तस्करी (Child Trafficking)से मुक्त करवाया गया था। इन बाल श्रमिकों को शुक्रवार, 2 जुलाई को पटना स्थित उनके घरों के लिए विशेष ट्रेन द्वारा एक टीम के साथ रवाना किया गया।
जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक रोहित जैन ने बताया कि इन बच्चों के पुनर्वास के लिए डिजिटल रिकॉर्ड रखा गया है। इसके साथ ही बालश्रम के अंतर्गत कार्यवाही पूर्ण कर सभी बच्चों का बैंक में खाता खुलवाया गया और कानूनी सहायता के लिए केस फाइल तैयार करवाकर दस्तावेजों सहित इन्हें भिजवाया गया है।
बालश्रम से मुक्त करवाए गए बच्चों को जयपुर जिले के विभिन्न राजकीय, गैर राजकीय बालगृह में देख-रेख संरक्षण के लिए कोविड-19 की जांच करवाकर प्रवेश दिलवाया गया था। बच्चों को प्रवेश के बाद योग, ध्यान, संस्थागत अनौपचारिक शिक्षा, पौष्टिक भोजन आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवायीं गयीं। सभी बच्चों को कोविड-19 के दौरान पूर्ण रूप से सुरक्षित भिजवाया गया है।
बच्चों की घर वापसी के दौरान जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक रोहित जैन, बाल कल्याण समिति की सदस्य विजया शर्मा, अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों राकेश पटेल और देशराज सिंह द्वारा बच्चों को घर के लिए रवाना किया गया।
उल्लेखनीय है कि बाल अधिकारिता विभाग एवं राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देशानुसार जिला प्रशासन एवम् जिला बाल संरक्षण इकाई जयपुर द्वारा बाल श्रम एवम् बाल तस्करी उन्मूलन के लिए विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी अभियान के दौरान जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों से बाल श्रम एवम बाल तस्करी में संलग्न 92 बच्चों को मुक्त कराया गया था।