राजस्थान की राजधानी जयपुर में सफाई का बड़ा संकट खड़ा होने वाला है। गुरुवार, 13 मई को शहर में डोर-टू-डोर सफाई कर रही बीवीजी कंपनी के सफाईकर्मी ( cleanliness workers) हड़ताल पर जा रहे हैं, उसके बाद नगर निगम के सफाईकर्मी भी हड़ताल पर जाने की तैयारी में है। कारण यह है कि निगम अधिकारियों की घोर लापरवाही के चलते अभी तक शहर के घरों में होम आइसोलेटेड कोरोना संक्रमित मरीजों के मेडिकल वेस्टर को उठाने के लिए अभी तक अलग से कोई तैयारी नहीं की गई है और संक्रमण के पीक के दौरान भी सफाईकर्मी बिना उचित संसाधनों के संक्रमित मरीजों का मेडिकल वेस्ट उठाते रहे, जिसके चलते बड़ी संख्या में सफाईकर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।
जयपुर नगर निगम गे्रटर व हैरिटेज संयुक्त वाल्मिकी एवं सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया का कहना है कि बीवीजी के छह से सात कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में है, वहीं नगर निगम के भी 35 से अधिक सफाईकर्मी इसकी चपेट में आ चुके हैं। अभी तक 15 से अधिक सफाईकर्मियों की संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है। होम आइसोलेटेड मरीजों का मेडिकल वेस्ट उठाने के कारण यह कर्मचारी संक्रमण की चपेट में आए हैं।
संक्रमित कर्मचारियों के इलाज में भी निगम प्रशासन की ओर से किसी तरह की मदद नहीं की जा रही है। फ्रंटलाइन वर्कर होने के बावजूद उन्हें न तो अस्पतालों में बैठ उपलब्ध हो पा रहा है और न ही जीवनरक्षक दवाएं और ऑक्सीजन। जिसके चलते सफाईकर्मियों में भारी आक्रोष है।
इसी के चलते बीवीजी कंपनी के सफाईकर्मियों ने गुरुवार से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। उसके बाद नगर निगम के सफाईकर्मी भी हड़ताल करेंगे। डंडोरिया ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि हमारी सरकार और बीवीजी कंपनी से मांग है कि सफाईकर्मचारियों को कार्य के दौरान संक्रमण से बचाव के लिए उचित संसाधन मुहैया कराए जाएं। संक्रमित कर्मचारियों को जीवनरक्षक दवाएं, ऑक्सीजन और हॉस्पिटलों में एडमीशन में प्राथमिकता दी जाए। मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को उचित मुआवजा दिलाया जाए।
कागजों में कार्रवाई पूरी, धरातल पर गायब
जानकारी में आया है कि नगर निगमों ने होम आइसोलेटेड कोरोना संक्रमितों के मेडिकल वेस्ट को उठवाने के लिए कागजों में तो पूरी कार्रवाई कर रखी है लेकिन धरातल पर वह नजर नहीं आ रही है। कहा जा रहा है कि संक्रमित मरीजों का कचरा उठाने के लिए डोर-टू-डोर वाहनों में अलग से व्यवस्था की गई है लेकिन यूनियन के पदाधिकारी कह रहे हैं कि अभी भी संक्रमित मरीजों का कचरा साधारण कचरे के साथ उठाया जा रहा है। पीपीई किट तो दूर मास्क, ग्लव्ज और सैनिटाइजर भी बार-बार मांग करने के बाद उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।