यूपी भवन में कई अधिकारियों की मिलीभगत से यौन शोषण का मामला सामने आया |मामले पर तुरंत संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कई अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया |
उत्तर प्रदेश में आज एक बड़ी उठापटक देखने को मिल रही है |यूपी भवन में सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा एक्शन देखने को मिला। सोमवार को यूपी भवन के कई अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। व्यवस्था अधिकारी दिनेश कारूष ,राकेश चौधरी और पारस को सस्पेंड किया गया। अब RC और ARC पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी है। मीडिया सूत्रों के अनुसार यूपी भवन भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया था। सीएम ने मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई की।
यूपी भवन में महिला के साथ यौन शोषण
दरअसल, एक महिला द्वारा दिल्ली में एक मुकदमा दर्ज करवाया गया था। इस शिकायत में महिला ने यूपी भवन के एक कमरे में यौन शोषण की बात का जिक्र किया है। शिकायत दर्ज होते ही दिल्ली पुलिस ने यूपी भवन का वह कमरा सील कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जब इस केस के विषय में जानकारी मिली तो गंभीरता दिखाते हुए कार्रवाई की।
मामला क्या है
सूत्रों के मुताबिक 26 मई को महाराणा प्रताप सेना के एक पदाधिकारी यूपी भवन गए थे। यहां उन्होंने तैनात पारसनाथ और सहायक राकेश कुमार से किसी उच्च अधिकारी के लिए कमरा बुक का हवाला दिया था। कर्मचारी ने कमरा नंबर 122 खोल दिया। वहां लगे सीसीटीवी में एक अज्ञात महिला के आने-जाने की फुटेज भी सामने आए हैं। दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है।
एक साथ सस्पेंड हुए कई अधिकारी
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के बाद सीएम योगी ने सोमवार को मामले में बड़ा एक्शन लिया। एक झटके में दिनेश कारूष, राकेश चौधरी समेत कई अफसरों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, पूरे मामले में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने विभागीय जांच का आदेश दिया है। राजीव तिवारी को यूपी भवन की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट देने के भी निर्देश हैं।