जयपुर

विरासत को ध्वस्त करने के मामले में उलझे, तो निकल गई स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की हेकड़ी, अब कोई भी काम शुरू करने से पहले कराया जाएगा ‘हैरिटेज इम्पेक्ट असेसमेंट’

धरम सैनी
जयपुर। दरबार स्कूल में संरक्षित परकोटे को तोड़ने के मामले में क्या उलझे, कि स्मार्ट सिटी कंपनी के अधिकारियों की सारी हेकड़ी निकल गई है। मार पड़ने पर जैसे कोई अपराधी कसमें खाता है कि वह फिर कभी गुनाह नहीं करेगा, वैसे ही स्मार्ट सिटी कंपनी के अधिकारी भी अब कहने लगे हैं कि अब जबतक सभी विभागों से पूरी मंजूरियां नहीं मिल जाती है, तब तक कोई काम शुरू नहीं किया जाएगा। नया काम शुरू करने से पहले ‘हैरिटेज इम्पेक्ट असेसमेंट’ कराया जाएगा।

स्मार्ट सिटी कंपनी के सूत्रों के अनुसार संरक्षित परकोटे को क्षतिग्रस्त करने के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय की अवमानना और पुरातत्व नियमों में फंसने के बाद अब स्मार्ट सिटी ने तय किया है कि कंपनी के सभी प्रोजेक्ट सीईओ की निगरानी में शुरू किए जाएंगे। कोई भी काम शुरू करने से पहले संबंधित सभी एजेंसियों से पूरी एप्रूवल ली जाएगी। नया काम शुरू करने से पहले ‘हैरिटेज इम्पेक्ट असेसमेंट’ कराया जाएगा, ताकि यह पता चल सके कि नए काम के कारण प्राचीन विरासत को तो कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा, उसके बाद ही काम शुरू किया जाएगा।

परकोटे में कराए जाने वाले कार्यों के लिए हैरिटेज सेल और टेक्निकल हैरिटेज कमेटी से मंजूरी मांगी जाएगी। यहां से मंजूरी मिलने के बाद काम शुरू किया जाएगा। यदि कोई कार्य किसी संरक्षित स्मारक के आस-पास होना होगा तो पुरातत्व विभाग से भी अनुमति ली जाएगी, क्योंकि परकोटे के क्षतिग्रस्त होने से पुरातत्व विभाग के अधिकारी नाराज हैं।

कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि परकोटे के क्षतिग्रस्त होने के बाद पुरातत्व विभाग ने एक सख्त पत्र स्मार्ट सिटी को लिखा है, जिसमें उन्होंने जयपुर के अपने सभी संरक्षित स्मारकों की सूची सौंपी है और कंपनी को निर्देश दिया है कि इन स्मारकों के आस-पास काम करने के दौरान यदि किसी स्मारक को नुकसान पहुंचता है, या फिर उसके मूल स्वरूप में कोई परिवर्तन होता है, तो कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

धरोहर बचाओ समिति के संरक्षक एडवोकेट भारत शर्मा ने इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री, यूनेस्को को पत्र लिख रखा है। वहीं राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी इस मामले में शिकायत की है और कहा है कि आदेशों की अवमानना पर उच्च न्यायालय क्यों चुप है? शर्मा का कहना है कि भविष्य के लिए योजनाएं बना रहे स्मार्ट सिटी के उच्चाधिकारियों को पहले परकोटे को क्षतिग्रस्त करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। पुरातत्व निदेशक स्मार्ट सिटी कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए।

Related posts

राजस्थान ग्रामीण ओलम्पिक खेल (Rajasthan Rural Olympic Games) का नवम्बर माह में होगा आयोजन, हर जिले (district) का होगा अपना ओलम्पिक

admin

राजस्थान में कृषि उत्पाद प्रसंस्करण (Agriculture products processing) में 617 प्रोजेक्ट्स पर 1255 करोड़ का निवेश (Investment) , 119 करोड़ का अनुदान (Subsidy) मंजूर

admin

राजस्थान में आईटीआई एवं तकनीकी दक्ष नाॅन-आईटीआई युवाओं के लिए जिला, संभाग एवं राज्य स्तर पर आयोजित होगी ‘राज स्किल-2022’ प्रतियोगिता

admin