एग्जिट पोल के नतीजों में हरियाणा में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित लग रही थी। लेकिन, मंगलवार को जब वास्तविक चुनाव परिणाम आये तो सारे एग्जिट पोल परिणाम धराशायी हो गये। कांग्रेस के सत्ता पर काबिज होने के सपने चकनाचूर हो गये। इसके बाद कांग्रेसी नेता इतने खिसियाए कि ने अपनी हार का ठीकरा खिसियानी बिल्ली की तरह ईवीएम और निर्वाचन आयोग पर मंढ़ने लगे। लेकिन, निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने कांग्रेस के उन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है, जिसमें हरियाणा की कुछ सीटों पर ईवीएम से छेड़छाड़ का दावा किया गया था।
कांग्रेस का कहना था कि ईवीएम की बैटरी चार्जिंग की अलग-अलग स्थिति के कारण नतीजे प्रभावित हुए हैं। पार्टी के अनुसार, जिन मशीनों की बैटरी 99% चार्ज थी, वहां कांग्रेस के उम्मीदवार हारे, जबकि 60-70% बैटरी वाले ईवीएम में कांग्रेस को जीत मिली। इस पर पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सवाल उठाते हुए इसे साजिश करार दिया था।
हालांकि, निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने स्पष्ट किया कि ईवीएम में एल्केलाइन बैटरियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिनकी स्थिति वोटिंग प्रक्रिया के दौरान अलग-अलग हो सकती है, लेकिन इसका चुनावी परिणामों से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बताया कि जब बैटरी वोल्टेज 7.4 से कम हो जाता है, तब बैटरी की क्षमता घटकर 98% से 10% तक दिखने लगती है। यह भी कहा गया कि ईवीएम की कंट्रोल यूनिट तब तक सुचारू रूप से काम करती है जब बैटरी का वोल्टेज 5.8 वोल्ट से अधिक रहता है।