कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को वाशिंगटन डीसी में नेशनल प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुस्लिम लीग पूरी तरह से सेक्युलर पार्टी है और उसमें गैर-धर्मनिरपेक्ष जैसा कुछ नहीं है। उन्होंने केरल में मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन पर एक सवाल का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की, जहां से उन्हें लोकसभा सांसद के रूप में चुना गया था। इस पर बीजेपी ने कहा कि राहुल गांधी को कुछ पता नहीं होता है और वे बिना सोचे समझे बयानबाजी करते हैं। राहुल गाँधी के इस बयान के बाद सियासी घमासान मच गया है।
बीजेपी ने राहुल गाँधी द्वारा मुस्लिम लीग को “कम्प्लीटली सेक्युलर पार्टी” कहे जाने पर बयानबाजी शुरू कर दी, तो कांग्रेस ने उसके जवाब देने शुरू कर दिए और राहुल गाँधी के बयान की सफाई देते नज़र आ रहे हैं।
इतिहास पढ़ने की सलाह दी सुधांशु त्रिवेदी ने
भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें पहले इतिहास को पढ़ना चाहिए और फिर बोलना चाहिए। सुधांशु ने कहा कि कांग्रेस पहले मुस्लिम लीग को भाजपा से जोड़ती थी और राहुल अब कुछ और ही राग अलाप रहे हैं। वही दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा “मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्ष कहना यह ज्यादा खतरनाक है…राहुल गांधी यह कहकर बंटवारे का बीजारोपण कर रहे हैं। कांग्रेस व राहुल गांधी के रूह में जिन्ना रहता है। ” बीजेपी के आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय ने भी ट्वीट कर कहा था, जिन्ना की मुस्लिम लीग, जो धार्मिक आधार पर भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार है, राहुल गांधी के अनुसार एक ‘धर्मनिरपेक्ष’ पार्टी है। ..वायनाड के लिए यह उनकी मजबूरी है।
Jinnah’s Muslim League, the party responsible for India’s partition, on religious lines, according to Rahul Gandhi is a ‘secular’ party.
Rahul Gandhi, though poorly read, is simply being disingenuous and sinister here…
It is also his compulsion to remain acceptable in Wayanad. pic.twitter.com/sHVqjcGYLb
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 1, 2023
पवन खेड़ा ने दी राहुल गाँधी की तरफ से सफाई
इन सब का जवाब देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सफाई देते हुए पहले की मुस्लिम लीग और केरल की मुस्लिम लीग में अंतर बताते हुए राहुल गाँधी के बयान कि सफाई दी।
भाजपा/संघ को पाकिस्तान की राजनीति और जिन्ना की मुस्लिम लीग का ज़्यादा ज्ञान है। हो भी क्यों ना? आख़िर दोनों की जुगलबंदी ऐतिहासिक जो है।
एंटायर पोलिटिकल साइंस वालों को अपने देश की राजनीति का थोड़ा ज्ञान होना चाहिए: pic.twitter.com/tts6z2oidt
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) June 2, 2023
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग और केरल वाली मुस्लिम लीग एक ही हैं या इनमें कोई अंतर है? ख़ास बात ये है कि राहुल गांधी ने जिस आईयूएमएल को सेक्युलर बताया है, पंडित नेहरू उसके गठन के खिलाफ थे। वह नहीं चाहते थे कि आजादी के बाद भारत में मुस्लिम लीग जैसी कोई पार्टी बने।बंटवारे के बाद जिन्ना की मुस्लिम लीग भंग हो गई थी।