नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता कर भारत की सीमाओं को खतरे में डाल दिया, ताकि निजी अरबपतियों को लाभ पहुंचाया जा सके।
खड़गे की यह टिप्पणी एक मीडिया रिपोर्ट के संदर्भ में आई, जिसमें दावा किया गया था कि “भारत सरकार ने एक परियोजना के लिए सीमा सुरक्षा नियमों में ढील दी, जिसे अरबपति व्यवसायी गौतम अडानी को सौंपा गया।”
खड़गे का पीएम मोदी पर तंज
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने ‘द गार्जियन’ की इस रिपोर्ट को साझा करते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “नरेंद्र मोदी जी, भाजपा का नकली राष्ट्रवाद एक बार फिर बेनकाब हो गया है। आपने निजी अरबपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए हमारी सीमाओं की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।”
प्रधानमंत्री से खड़गे के तीखे सवाल
खड़गे ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से कई सवाल पूछे। उन्होंने कहा, “क्या यह सच है कि आपने पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कीमती सामरिक भूमि को अपने ‘प्रिय मित्र’ को सौंप दिया, वह भी सीमा सुरक्षा नियमों में ढील देकर?”
उन्होंने कहा, “क्या यह सच नहीं है कि आपकी सरकार ने केवल भारत-पाकिस्तान सीमा ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश, चीन, म्यांमार और नेपाल से सटे इलाकों में भी इसी तरह के नियमों में ढील दी, जिससे हमारी सामरिक और सीमा सुरक्षा खतरे में पड़ गई?”
भारत-चीन विवाद का जिक्र
खड़गे ने भारत-चीन विवाद का उल्लेख करते हुए कहा, “याद रखें, जब लद्दाख में हमारे 20 बहादुर जवानों ने चीन के खिलाफ लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया, तब आपने ही कहा था कि ‘कोई हमारी सीमा में नहीं घुसा’।”
उन्होंने कहा, “यदि कभी सीमा पर माइंस बिछाने, एंटी-टैंक या एंटी-पर्सनेल रक्षा तंत्र लगाने की जरूरत पड़ती है, तो क्या होगा? एक वरिष्ठ सेना अधिकारी ने भी सवाल उठाया है कि रक्षात्मक और आक्रामक अभियानों में ‘स्पेस और सरप्राइज़’ (रणनीतिक बढ़त) का क्या होगा?” खरगे ने कहा, “हम यही सवाल दोहराते हैं—आपने भारत-पाकिस्तान सीमा के पास इतने बड़े निजी प्रोजेक्ट को मंजूरी क्यों दी, जिससे हमारी सेना की रक्षा जिम्मेदारियां बढ़ गईं और उनका सामरिक लाभ कम हो गया?”
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल का भी हमला
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “पीएम मोदी की प्राथमिकता भारत की सीमाओं की सुरक्षा नहीं, बल्कि अडानी की तिजोरी भरना है।” उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार की ‘क्रोनी कैपिटलिज्म’ (पूंजीपतियों की चाटुकारिता) राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन चुकी है।
वेणुगोपाल ने कहा, “पाकिस्तान सीमा से मात्र 1 किलोमीटर दूर भारत की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना को स्थापित करने की अनुमति देना बेहद खतरनाक है और सभी सैन्य मानकों के खिलाफ जाता है।” उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को इस पर जवाब देना चाहिए कि राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने का यह कदम क्यों उठाया गया?”