राहुल गांधी अमेठी से कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे या नहीं, इस पर रहस्य लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार को भी इस रहस्य से पर्दा नहीं उठा। दूसरी तरफ राहुल के करीबी बताए जा रहे लोग अमेठी पहुंच रहे हैं।
अमेठी का सियासी रण दिलचस्प होता जा रहा है। शनिवार को गौरीगंज स्थित कांग्रेस भवन में तीन वाहनों के पहुंचने से सियासत गर्मा गई है। दरअसल, इसमें से एक वाहन राहुल गांधी के पूर्व निजी सचिव व एक प्रियंका के करीबी का बताया जा रहा है। जबकि एक जीप अमेठी की थी। वर्ष 2019 में राहुल गांधी के चुनाव हारने के बाद यह वाहन वापस दिल्ली बुला लिए गए थे। शनिवार को एक बार फिर इनकी आमद से राजनीतिक हल्कों में तरह-तरह की चर्चा है।
हैरानी की बात तो यह है कि कांग्रेस को कोई भी पदाधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है कि इन गाड़ियों से कौन आया है। आने वाले लोग कहां है। जबकि सियासी गलियारे में अलग-अलग चर्चा चल रही है। एक पदाधिकारी ने दबी जुबान से सिर्फ यह बताया कि वाहन आ गए हैं, टीम भी आ जाएगी। कांग्रेस भवन में देर शाम तक कांग्रेस के प्रदेश महासचिव योगेंद्र मिश्र, मीडिया प्रभारी अनिल सिंह सहित अन्य कार्यकर्ता डटे रहे। हालांकि इन वाहनों से कौन आया है, इसको लेकर कोई कुछ नहीं बोल रहा है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल कहते हैं कि हम भी इंतजार ही कर रहे हैं।
हमें निर्णय का इंतजार
पूर्व एमएलसी दीपक सिंह का कहना है कि गाड़ियां मांगी गई थी। रही बात, अन्य जानकारी की तो दिल्ली में बैठक चल रही है। इनपुट तो वहीं से निकलेगा। हम सभी लोग बैठक के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं।
दिन भर ब्लॉक अध्यक्षों के साथ हुआ मंथन
शनिवार को गौरीगंज के कांग्रेस कार्यालय पर जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल के नेतृत्व में ब्लॉक अध्यक्षों और ब्लॉक प्रभारियों की बैठक हुई। इसमें हरेक ब्लॉक से लेकर बूथ स्तर तक की समीक्षा की गई। हरेक मुद्दे पर फोकस किया गया। बताया गया कि अमेठी में गांव-गांव चल रहे जनसंपर्क अभियान में तीन दिनों में एक लाख न्याय गारंटी पत्र को भरवाया गया है।