हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने पश्चिम बंगाल में संगठनात्मक बदलाव करते हुए अधीर रंजन चौधरी को बंगाल प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष पद से हटाकर शुभांकर सरकार को इस पद पर नियुक्त किया है। यह कदम तब उठाया गया जब अधीर रंजन चौधरी ने बहरामपुर लोकसभा सीट से हारने के बाद इस्तीफा दे दिया। उन्हें तृणमूल कांग्रेस (TMC) के उम्मीदवार और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान से हार का का स्वाद चखाया था।
इस बदलाव का कारण अधीर रंजन चौधरी और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के बीच कुछ मतभेद भी थे, खासकर इंडी गठबंधन में ममता बनर्जी की भूमिका को लेकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा दिए गए बयानों के बाद। चुनाव के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे के कुछ टिप्पणियों से अधीर रंजन नाराज थे, खासकर जब यह कहा गया था कि जरूरत पड़ने पर अधीर को बाहर रखा जा सकता है।
अधीर रंजन चौधरी का राजनीतिक सफर
घटना/चरण विवरण
जन्म 2 अप्रैल 1956, बहरामपुर, मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल
राजनीतिक एंट्री 1991 में राजीव गांधी के प्रभाव में आकर कांग्रेस में शामिल हुए और नाबाग्राम विधानसभा से पहली बार चुनाव लड़ा
पहली जीत 1996 में नाबाग्राम विधानसभा सीट से जीत हासिल की
केंद्र की राजनीति 1999 में पहली बार बहरामपुर लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे
अन्य महत्वपूर्ण पद 2009 में रेल मंत्री बने, 2012 में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने
चुनावी हार 2024 में बहरामपुर लोकसभा सीट से हार गए, जिसे TMC के यूसुफ पठान ने जीता
शुभांकर सरकार को अब पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की कमान सौंपी गई है और इसके साथ ही उन्हें AICC के सचिव पद से मुक्त कर दिया गया है।