जयपुर में चली आ रही सैंकड़ों वर्षों पुरानी वायु परीक्षण (conventional air test) परंपरा के तहत शुक्रवार शाम विश्व विरासत स्थल जंतर-मंतर पर शहर के ज्योतिषाचार्यों और विद्वानों ने वायु परीक्षण कर जिले में बारिश की भविष्यवाणी की। वायु परीक्षण में वायु के प्रवाह को देखते हुए भविष्यवाणी की गई है कि इस वर्ष जिले में खंड वृष्टि (block rain) हो सकती है।
ज्योतिषाचार्य दामोदर शर्मा ने बताया कि सूर्यास्त के समय शाम 7 बजकर 16 मिनट से 7 बजकर 17 मिनट तक वायु परीक्षण किया गया। इस दौरान जंतर-मंतर के सम्राट यंत्र पर परीक्षण के लिए ध्वज फहराया गया। इस दौरान हवा का रुख पश्चिम से पूर्व की ओर बना रहा। कुछ सैकंड के लिए हवा का रुख वायु कोण से अग्नि कोण की ओर भी रहा। वायु की यह दिशा खंड वृष्टि की योग बना रही है।
हवा के पूर्व से पश्चिम की ओर चलने के कारण अगस्त से 15 सितंबर के बीच कहीं-कहीं अतिवृष्टि के भी योग बन रहे हैं। गर्भकाल परीक्षण में वर्ष के चार स्तंभों में से तृण स्तंभ में न्यूनता और जल स्तंभ में कमी भी खंड वृष्टि की ओर इशारा कर रहे हैं। संवतसर का असर भी मिलाजुला रहेगा।
इस वर्ष राक्षक नामक संवत्सर है, जिसके प्रभाव से कहीं अतिवृष्टि को कहीं अनावृष्टि होगी, प्रजा में भय और महंगाई से अशांति रहेगी। संवत्सर का राजा काक होना वैर, अशांति और अल्पवृष्टि का कारक है। मंत्री भौम होने से प्रजा महंगाई की मार से परेशान रहेगी और रोग-पीड़ा की अधिकता बनी रहेगी।
वहीं दूसरी ओर संवत्सर के छह फलों में से सस्येश शुक्र होने से वर्ष की प्रचुरता रहेगी, पर्याप्त फसल होगी और जनता में धर्म के प्रति रुचि बढ़ेगी। रोहिणी वास तट पर होने से वर्षा की प्रचुरता रहेगी और अच्छी पैदावार होगी। संवत का वास रजक (धोबी) के घर होने से पानी की पर्याप्तता रहेगी।