भरतपुर के चिकित्सक पवन गुप्ता को कोविड सेंटर से हटा दिया गया है और उन्हें धौलपुर जिले के सरमथुरा स्थित महिला पॉलिटेक्निक कोविड केयर सेंटर में देर रात को ही आनन-फानन में स्थानांतरित कर रिलीव भी कर दिया गया है। दरअसल, ये डॉक्टर गुप्ता वहीं है जिनकी बयानबाजी को लेकर राजस्थान सरकार की त्योरियां चढ़ गयी हैं। डॉ. पवन गुप्ता का कसूर यह है कि उन्होंने भरपुर सांसद रंजीता कोली के सामने यह कहा, राजस्थान सरकार के निर्देशों (Directions) पर ही कोरोना मामलों (Corona cases) की संख्या को कम और ज्यादा किया जाता रहा है।
उल्लेखनीय है कि भरतपुर सांसद रंजीता कोली मंगलवार, 25 मई को नदबई दौरे पर गयीं थीं। वहां उन्होंने नदबई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। यद्यपि इस दौरान वे अस्पताल की व्यवस्थाओं से संतुष्ट थीं और उन्होंने यह भी कहा कि नदबई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ना तो स्टाफ की कमी है और ना ही व्यवस्थाओं की। किंतु, इसके बाद स्थिति इसलिए अचानक बिगड़ गयी क्योंकि डॉक्टर पवन गुप्ता ने उन्हें जानकारी दी, राज्य सरकार की ओर से निर्देश है कि कोरोना की जांच कब और कैसे बनानी है। सरकार का आदेश होता है तो जांच बढ़ा दी जाती है जब आदेश नहीं होता तो घटा दी जाती है।
डॉ.गुप्ता के इस बयान के बाद सांसद रंजीता कोली ने बेहद नाराज हो गयीं और उन्होंने कहा कि जब कोरोना काल में लोग परेशानियों से जूझ रहे हैं और राज्य सरकार उनके साथ धोखाधड़ी कर रही है। उन्होंने कहा कोरोना के मामलों को लेकर राजस्थान की गहलोत सरकार आंकड़ों को छुपा रही है। हालांकि डॉक्टर गुप्ता ने कि सांसद रंजीता कोली के साथ हुई उनकी बातचीत का वीडियो वायरल होने के बाद सफाई दी कि उन्होंने राज्य सरकार को लेकर कोई गलत बयान नहीं दिया। उनके बयान वाले वीडियो को तोड़-मरोड़ कर दिखाया जा रहा है। लेकिन, उनकी सफाई पर राज्य सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया और उनका स्थानांतरण कर दिया।