जयपुर। उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि कोविड 19 के कारण बदली परिस्थितियाें में राज्य सरकार की उद्योग से संबंधित फ्लेगशीप योजनाएं राज्य के औद्योगिक विकास और स्वरोजगार सृजन में मील का पत्थर सिद्ध होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फ्लेगशीप योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक पहुंचाया जाए ताकि प्रदेश में छोटे-बड़े सभी तरह के उद्योगों का विकास और अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके।
एसीएस उद्योग आज सचिवालय में आयुक्त उद्योग मुक्तानन्द अग्रवाल के साथ उद्योग, रीको, बीआईपी, आरएफसी, बीपीई, आरएफ, आरएसडीसी, बुनकर संघ, खादी एवं ग्रामोद्योग सहित संबंधित विभागाें की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योग विभाग की तीन योजनाओं को फ्लेगशीप योजना की श्रेणी मेें रखा है और तीनों योजनाएं ही औद्योगिक निवेश और रोजगारपरक योजनाएं है। उन्होंने रीको को बंजर भूमि को चिन्हित कर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की संभावनाएं तलाशने को कहा वहीं उद्योग विभाग, बीआईपी और रीको परस्पर सहयोग व समन्वय से नए निवेश के ठोस प्रयास करें।
लाइट्स में न्यायिक प्रकरणों के अपडेशन के लिए उद्योग विभाग की सराहना करते हुए उन्होंने अन्य संस्थाओं को भी निर्देश दिए कि सभी संस्थाएं नियमित अपडेशन रखें। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभाग व संस्थाएं 30 जून तक मई तक के पेंडिंग प्रकरणों का निष्पादन सुनिश्चित करें वहीं जन घोषणा पत्र, बजट घोषणाओं, विधान सभा प्रश्नों, सीआईएमएस, मुख्यमंत्री व मंत्री की घोषणाओं आदि का समयवद्ध निस्तारण सुनिश्चित करें।
उद्योग आयुक्त मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार की फ्लेगशीप योजनाओं में एमएसएमई एक्ट प्रावधानों से प्रदेश में उद्योग लगाना आसान हो गया है वहीं राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना में उद्योगों को कई तरह की राहत देकर उद्योगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज उद्योगमित्र पोर्टल पर 4772 पंजीयन हो गए है। उद्यमियों को राज उद्योगमित्र पोर्टल पर आवेदन के साथ ही एक पावती पर उद्योग लगाने की स्वायत्तता देते हुए तीन वर्ष के लिए विभिन्न स्वीकृतियों व निरीक्षण से मुक्त करने की राजस्थान सरकार की पहल केन्द्र व अन्य प्रदेशों के लिए अनुकरणीय बन गई है।
उद्योग आयुक्त ने बताया कि विभाग की तीसरी फ्लेगशीप योजना मुख्यमंत्री लघु उद्यम प्रोत्साहन योजना में अधिकतम 10 करोड़ तक के ऋण पर ऋण राशि के अनुसार पांच से आठ प्रतिशत का ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री लघु उद्यम प्रोत्साहन योजना उद्यम या नया रोजगार शुरु करने वाले युवाओं के लिए वरदान सिद्ध हो रही है।