परिवहन मंत्री और उदयपुर के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि गौरक्षा (Cow protection) की दुहाई देने वाल भाजपा के बोर्ड वाले उदयपुर नगर निगम की गौशाला से जंगल में छोड़ी गई 227 गायें गायब हैं। नगर निगम के मेयर और अधिकारियों ने गौ संरक्षण कानून का उल्लंघन करते हुए 227 गायों को मरने के लिए केवड़ा की नाल में छोड़ दिया, इसमें भी 167 गाय बछड़ा और बछड़ी थे।
खाचरियावास ने कहा कि दुख की बात यह है कि नगर निगम ने भाजपा का बोर्ड है और जो पार्टी गौसेवा की दुहाई देती है उस पार्टी के बोर्ड द्वारा यह शर्मनाक कृत्य किया गया। गायों को निर्ममता से मरने के लिए केवड़े की नाल में छोड़ देना कानूनी अपराध है। राज्य सरकार गायों को संरक्षण और सुरक्षा के लिए नगर निगम के माध्यम से गौशाला का संचालन करती है। गौशाला से गायों को यदि छोड़ने की नौबत आए तो सबसे पहले गायें उनको दी जानी चाहिए जो गौसेवा करना चाहते हैं।
उदयपुर में ऐसे लोगों की संख्या बहुत है जो गौसेवा के लिए तैयार थे। उन्हें गाय नहीं देकर जंगल में छोड़ दिया गया। वहां गाय जंगली जानवरों का शिकार हो गई, यह सीधे-सीधे गौ हत्या का मामला है। इस मामले में सरकार अपने स्तर पर जांच कराएगी और वह स्वयं उदयपुर जाएंगे तब इस सारे मामले की जानकारी प्राप्त कर जांच करेंगे, क्योंकि गायों के गायब होने से गोभक्तों में भारी आक्रोश व्याप्त है और वहां के चुने हुआ नगर निगम बोर्ड, मेयर और अधिकारी सभी पक्षों से जवाब मांगा जाएगा।