जयपुर

अपराधियों (criminals) से मिलीभगत पर 1 आईपीएस (IPS) 10 आरपीएस (RPS) 23 इंस्पेक्टर (inspector) समेत 500 पुलिसकर्मी निलंबित


पुलिस महानिदेशक ने मीडिया के समक्ष रखा एक साल का लेखा

विपक्षी राजनेताओं के लगातार राजस्थान में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होने के आरोपों के बीच राजस्थान पुलिस के महानिदेशक एमएल लाठर ने सोमवार को पुलिस मुख्यालया में विभाग का एक वर्ष का लेखाजोखा सामने रखा।

लाठर ने बताया कि अपराधियों (criminals) से मिलीभगत रखने वाले व अनुशासनहीनता करने वाले करीब 500 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है, ताकि प्रदेश की जनता में पुलिस का भरोसा बना रहे। बदमाशों के साथ मिलीभगत करने वाले पुलिसकर्मियों किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। इसकी जानकारी मिलने के बाद तत्काल कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ऐसे कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन और अनिवार्य सेवानिवृति की कार्रवाई की गई है।

डीजीपी के मुताबिक अलग-अलग मामलों में आरोपियों से मिलीभगत में पाए जाने के कारण अलग-अलग समय में राजस्थान में 1 IPS, 10 RPS, 23 inspector, 500 अन्य पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जा चुका है। इसके अलावा ऐसे ही 6 इंस्पेक्टरों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति भी दी गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।

डीजीपी ने पत्रकारों से कहा कि 2013 से 2019 में देशभर में अपराधिक वारदातों में 23 फीसदी इजाफा हुआ, जबकि इसकी तुलना में इस अवधि में राजस्थान में महज 16 फीसदी ही अपराध बढ़े हैं। पुलिस के डर से अपराधियों में खौफ पनपा है। उन्होंने दावा किया कि राजस्थान में पुलिस अपना काम मुस्तैदी से कर रही है।

लाठर के मुताबिक 9 ब्लाइंड केस में जांच कर दोषियों को सजा दिलाई गई है। नरैना में अपराधी के पास मोबाइल नहीं था। इस केस में पुलिस के पास सीसीटीवी फुटेज भी नहीं था, लेकिन पारंपरिक तरीकों से पुलिस ने अपराधी को पकड़ा। राजस्थान में रेट ऑफ कंविक्शन 45 फीसदी है। कोरोना के कारणों से कोर्ट का काम भी बाधित रहा है। इस महीने 17-18 केसेज में ट्रायल पूरी कर सजा दी गई है। पिलानी, सवाईमाधोपुर, नवलगढ़, अजमेर, पीलीबंगा, आसींद, जयपुर, अलवर, मालाखेड़ा, सेवर और शास्त्री नगर जयपुर के मामले में सजा सुनाई गई है।

डीजीपी ने वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर चलाए गए अभियान की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अपराध पंजीकरण में भी लापरवाही नहीं बरती जा रही है। गंभीर तरीके के अपराधों में पुलिस द्वारा तुरंत कार्रवाही की जा रही है। इसके अलावा अपराधियों को सजा दिलाने का प्रतिशत 45 फीसदी तक बढ़ा है जो देशभर के आंकड़ों से अधिक है।

बच्चियों के साथ अपराध बढ़ा

डीजीपी की प्रेस कान्फ्रेंस के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश के गृह मंत्री ने लंबे समय जनता व पुलिस से दूर रह कर रिकार्ड बना लिया है। सीएम को केवल अपनी कुर्सी से मतलब है, प्रदेश की जनता अपराधों से त्रस्त है। बढ़ते अपराध व बिगड़ती कानून व्यवस्था पर उन्होने सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
नेताप्रतिपक्ष व पूर्व गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि डीजीपी सरकार की तरफ से कितनी सफाई दे मगर पिछले दो साल में खासकर रेप के मामले बढ़े है। इसके अलावा छोटी बच्चियों के साथ हत्या व बलात्कार के मामलों को रोकने में पुलिस फेल साबित हुई है।

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