जालसाजों द्वारा ऑनलाइन ठगी (Cyber fraud) के दो मामलों में पीड़ित व्यक्तियों द्वारा समय पर पुलिस को सूचना (timely report) देने के कारण ठगी की दो वारदातों को रोका (stopped) जा सका। जिले की साइक्लोन सैल ने अलवर निवासी दो व्यक्तियों से ठगी गई 90000 एवं 50000 रुपये की राशि ( कुल 1.40 लाख/1.40 lakh)उनके खाते में रिफंड करवा दी है। इस कार्रवाई में साइक्लोन सेल अलवर के कॉन्स्टेबल लोकेश की में विशेष भूमिका रही।
अलवर एसपी तेजस्विनी गौतम ने बताया कि जिले में ऑनलाइन ठगी के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह एवं सीओ उत्तर विकास सांगवान आईपीएस के सुपरविजन में साइबर सेल की एक विशेष टीम का गठन किया है। जिन्होंने दो मामलों में पीड़ितों की ठगी गई 1.40 लाख रुपए की राशि को वापस प्राप्त कर ऑनलाइन ठगी से बचाया।
एसपी गौतम ने बताया कि स्कीम नंबर 3 थाना कोतवाली निवासी विकास सैनी ने 24 नवंबर 2021 को गूगल पर अमेजन हेल्प लाईन का नंबर सर्च कर कॉल किया तो एनीडेस्क एप डाउनलोड करवा कर ₹90 हजार की ठगी की गई। इसी प्रकार थाना ततारपुर के गांव रानौत निवासी मनीषा चौधरी के पास 14 नवंबर 2021 को एक अज्ञात नंबर से फोन आया और अपने आपको रिश्तेदार बताकर पैसे भेजने की कह गूगल-पे का लिंक भेजा। लिंक पर क्लिक करते ही ₹50000 निकल गए।
एसपी गौतम ने बताया कि दोनों ही मामलों में पीड़ितों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी जिसकी वजह से ठगी की रकम रिकवर की जा सकी। उन्होंने आमजन से अपील की है अनजान को ओटीपी नंबर या किसी प्रकार की अन्य डिटेल ना दें ओर ना ही उनके भेजे किसी लिंक पर क्लिक करे। ठगी होने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करें