जयपुर। राज्य में पर्यटन उद्योग के विकास हेतु राज्य सरकार की ओर से जारी ‘राजस्थान पर्यटन नीति 2020 के प्रावधानों की पालना में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य पर्यटन सलाहकार समिति के गठन के साथ ही विपक्ष ने राजधानी में पुरा स्मारकों के साथ हो रहे खिलवाड़ को लेकर घेरना शुरू कर दिया है।
जयपुर शहर का विश्व धरोहर स्टेटस बनाये रखने के लिए सांसद दीयाकुमारी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख कर प्रभावी कार्ययोजना बनाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा है कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण शहर अपना स्वरूप खोता है तो प्रदेश के मुखिया होने के कारण उनकी जिम्मेदारी है कि वे इस पर कार्रवाई करें। दीया कुमारी भारत सरकार के संस्कृति पर्यटन मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की सदस्य हैं।
दीयाकुमारी ने कहा कि परकोटा शहर की रक्षा करना सरकार का दायित्व है, सरकार इसे निभाने में असफल नजर आ रही है। सड़कों पर घूमते पशु, पर्यटकों के लिए उचित पार्किंग की सुविधाएं, बाजारों में अवैध पार्किंग पर नियंत्रण नही होना और चारदीवारी क्षेत्र में अवैध निमार्णों की बाढ़ से जयपुर का विश्व धरोहर स्टेट्स खतरे में पड़ रहा है।
यूनेस्को द्वारा जो सम्मान जयपुर को मिला है उसे बनाए रखने के लिए उचित कार्रवाई करे। जयपुर के स्टेटस को बनाए रखने एवं संरक्षित करने के लिए मुख्यमंत्री अपनी अध्यक्षता में प्रबुद्ध नागरिकों की एक समिति का गठन करे और एक निश्चित कार्ययोजना बना कर उन्हें समयबद्ध तरीके से क्रियान्वित करवाए।
उल्लेखनीय है कि क्लियर न्यूज की ओर से करीब छह महीनों से लगातार खबरें प्रकाशित कर शहर की धरोहरों के साथ हो रहे खिलवाड़ को उजागर किया जा रहा है। शहर में धरोहरों के संरक्षण कार्यों में कई एजेंसियां कार्यरत हैं और सभी एजेंसियां मनमाने तरीके से संरक्षण के नाम पर स्मारकों में तोड़फोड़ और नवीन निर्माण करा रही है। हैरानी की बात यह है कि इन सभी एजेंसियों के पास पुरा निर्माण के जानकार इंजीनियर तक नहीं है।
पुरातत्व विभाग भी स्मारकों के संरक्षण के प्रति लापरवाह बना हुआ है और उसने स्मारकों के संरक्षण और जीर्णोद्धार कार्यों की निविदाओं से अनुभव की शर्त तक हटा दी है, जिससे अनुभवहीन संवेदकों को स्मारकों में संरक्षण के बजाए तोड़फोड़ का मौका मिल रहा है। पुरातत्व विभाग, आमेर विकास एवं प्रबंधन प्राधिकरण, स्मार्ट सिटी, आरटीडीसी, देवस्थान विभाग और नगर निगम की ओर से अनुभवहीन संवेदकों से स्मारकों पर काम कराया जा रहा है।
स्मार्ट सिटी की ओर से लगातार शरह के प्राचीन स्मारकों और उनके रक्षित क्षेत्र में नई निर्माण योजनाएं तैयार की जा रही है। स्मार्ट सिटी ने हाल ही में दरबार स्कूल में नवीन निर्माण कार्य के दौरान लापरवाही बरतते हुए प्राचीन परकोटे और उसके बुर्ज को तहस-नहस कर दिया था।
ऐसे में जरूरी हो गया है कि सरकार पुरा स्मारकों और परकोटा शहर की विरासत को बचाने के लिए भी एक कमेटी का गठन करे, जिसमें पुरा निर्माण, पेंटिंग, पुरा रसायनविदों, मीडिया में पुरातत्व समीक्षकों, पर्यटन से जुड़े लोगों की एक हाईपावर कमेटी बनाए और धरोहरों पर कार्य करा रही सभी एजेंसियों को इस कमेटी के तहत लाए, ताकि एक्सपर्ट राय के बाद ही शहर के धरोहरों पर गुणवत्तापूर्ण कार्य कराया जा सके।