इस वर्ष धनतेरस का पर्व 29 और 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा क्योंकि त्रयोदशी तिथि का आरंभ 29 अक्टूबर को सुबह 10:32 बजे से हो रहा है, जो 30 अक्टूबर को दोपहर 1:16 बजे तक चलेगा। इस प्रकार दो दिन तक त्रयोदशी तिथि रहने के कारण 29 अक्टूबर को प्रदोषकाल के समय धनतेरस का पर्व मनाने का शुभ मुहूर्त है। भगवान धनवंतरि की पूजा के लिए यह समय विशेष है, जो 29 अक्टूबर को शाम 5:25 से 7:23 बजे तक रहेगा। इस वर्ष की विशेषता यह भी है कि धनतेरस मंगलवार को पड़ रहा है इसलिए भगवान धनवंतरि के साथ बजरंगबली की पूजा भी लाभकारी मानी गई है।
धनतेरस पर खरीदारी का महत्व
धनतेरस पर नए सामान, विशेष रूप से बर्तन और धातु की चीजों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तुएं आर्थिक संपन्नता में 13 गुना बढ़ोतरी लाती हैं। लेकिन यह भी आवश्यक है कि शुभ मुहूर्त में ही खरीदारी की जाए, क्योंकि इस समय में की गई खरीदारी विशेष लाभ प्रदान करती है। इसलिए, धनतेरस पर खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए।
धनतेरस 2024: खरीदारी के शुभ मुहूर्त
इस धनतेरस पर कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं। दिन और रात में चौघड़िया मुहूर्तों में यह समय अनुकूल माना गया है:
1. दिन के मुहूर्त:
o चर-सामान्य: सुबह 9:18 से 10:41 बजे तक।
o लाभ-उन्नति: सुबह 10:41 से दोपहर 12:05 बजे तक।
o अमृत-सर्वोत्तम: दोपहर 12:05 से 1:28 बजे तक।
o शुभ-उत्तम: दोपहर 2:51 से 4:15 बजे तक।
2. रात के मुहूर्त:
o लाभ-उन्नति: शाम 7:15 से 8:51 बजे तक।
o शुभ-उत्तम: रात 10:28 से मध्यरात्रि 12:05 बजे (30 अक्टूबर)।
o अमृत-सर्वोत्तम: मध्यरात्रि 12:05 से 1:42 बजे तक।
o चर-सामान्य: रात 1:42 से सुबह 3:18 बजे (30 अक्टूबर)।
विशेष योग और प्रदोषकाल में खरीदारी
धनतेरस के इस पर्व पर त्रिपुष्कर योग, अभिजीत मुहूर्त और प्रदोषकाल का संयोग बन रहा है, जो इसे और भी शुभ बनाता है:
1. त्रिपुष्कर योग: यह योग धनतेरस के दिन सुबह 6:31 से अगले दिन सुबह 10:31 बजे तक रहेगा। इस समय में सोना, चांदी, बर्तन, और भूमि खरीदने से विशेष लाभ होता है। मान्यता है कि त्रिपुष्कर योग में की गई खरीदारी से 13 गुना वृद्धि होती है।
2. अभिजीत मुहूर्त: यह मुहूर्त धनतेरस के दिन सुबह 11:42 से दोपहर 12:27 बजे तक रहेगा। नए वाहन, प्रॉपर्टी या अन्य महत्वपूर्ण वस्त्र और सामग्री खरीदने के लिए यह समय शुभ माना जाता है। इस दौरान किसी नए कार्य की शुरुआत भी अत्यंत फलदायी होगी।
3. प्रदोषकाल: शाम 6:36 से रात 8:32 बजे तक प्रदोषकाल रहेगा, जिसमें भगवान कुबेर और धनवंतरि की पूजा और खरीदारी करना सर्वोत्तम माना गया है। इस मुहूर्त में सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, वाहन, और दिवाली के सजावटी सामान खरीदना विशेष शुभ माना जाता है।
इस तरह, 29 अक्टूबर का दिन धनतेरस के लिए अत्यंत लाभकारी और अनुकूल माना गया है, जिसमें उपयुक्त समय में की गई खरीदारी से आर्थिक समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होगी।