दिल्लीराजनीति

आये थे सपने पूरे करने, दिल्ली के कोचिंग सेंटर में गवां दी जान, गरमाई सियासत

देश के लिए इससे ज्यादा दुर्भाग्य की बात और क्या होगी जहाँ देश का अधिकारी बन कर अव्यवस्थाओं को सुधरने का सपना देखने वाले युवाओं को खुद हे अव्यवस्था का शिकार होकर अपनी जान से हाथ धोना पड़े। राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्रनगर स्थित UPSC की तैयारी कराने वाले एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में अचानक पानी भर गया। पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत हो गई। इसमें दो छात्राएं और एक छात्र शामिल हैं। दरअसल कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में लाइब्रेरी बनाई गई है। लाइब्रेरी में करीब 35 छात्र पढ़ाई कर रहे थे। इसी दौरान अचानक बेसमेंट में पानी का तेज बहाव आ गया। पानी का बहाव इतना तेज था कि जब तक कोई कुछ समझ पाता तब तक पूरा बेसमेंट जलमग्न हो गया। एक से दो मिनट के भीतर ही 12 फुट पानी भर गया। इस बहाव को तीन छात्र नहीं झेल सके और उनकी पानी में डूबने से मौत हो गई।
चार घंटे तक फंसे रहे पानी में
कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले छात्रों ने मीडिया को बताया कि यह हादसा कल शाम करीब सात बजे हुआ। उस वक्त लाइब्रेरी में करीब 35 छात्र मौजूद थे। शाम सात बजे लाइब्रेरी से निकलने का समय होता है। मगर इसी समय अचानक पानी का तेज बहाव बेसमेंट की तरह आया। पानी के तेज बहाव से बेसमेंट का दरवाजा टूट गया। पानी रोकने के लिए लगाई गई कांच की खिड़की भी पानी के दबाव में चकनाचूर हो गई। छात्रों के लिए वहां से निकलना कठिन होता जा रहा था। रस्सियां फेंककर लोगों ने एक दूसरे को बाहर निकाला। पानी इतना गंदा था कि सामने कुछ भी साफ नहीं दिखाई दे रहा था। कमरे में रखे सामान और लोग पानी में अपने आप तैरने लगे। साथ ही तेज बहाव के चलते कुछ ही मिनटों में करीब 12 फुट पानी भर गया। पानी में तीन छात्र फंस गए। इनमें दो लड़‌कियां थीं। तीनों छात्र करीब चार घंटे तक पानी में फंसे रहे। तीनों की पानी में डूबने से मौत हो गई।
दिल्ली अग्निशमन विभाग (डीएफएस) ने अपने बयान में बताया कि शाम करीब सात बजे ‘राव आईएएस स्टडी सेंटर’ नामक कोचिंग में जलभराव की खबर मिली। पानी में दो से तीन छात्रों के फंसे होने के बारे में बताया गया। मौके पर राहत कार्य के लिए दमकल की 7 गाड़ियां भेजी गईं। घटनास्थल पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), स्थानीय पुलिस और अग्निशमन विभाग ने बचाव अभियान चलाया। यह बचाव अभियान सुबह 3:51 बजे तक चला। इस दौरान पानी में फंसे तीन छात्रों के शव बरामद किए गए। पहला शव रात 10:40 बजे मिला। दूसरा शव 11:18 बजे मिला और तीसरा शव 1:05 बजे मिला। मृतकों के नाम श्रेया (25 साल), नेविन डेलविन (28 साल) और तानिया (25 साल) है।
सीएमडी ने अपनाया सख्त रवैया
अभ्यर्थियों के इस दुखद मौत के बाद सीएमडी ने सख्त रवैया अपनाया। इस हादसे के बाद इस इलाके के 13 कोचिंग सेंटरों को एमसीडी ने सील कर दिया है। बताया जा रहा है कि सील किये गये सभी 13 कोचिंग सेंटर नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। बीते रविवार को दिल्ली नगर निगम ने राजेंद्र नगर इलाके में संचालित कई कोचिंग सेंटरों का निरीक्षण किया। जिन 13 कोचिंग सेंटरों को सील किया गया है। उनमें आईएएस गुरुकुल, चहल एकडेमी, आईएएस सेतु, टॉपर्स एकडेमी, दैनिक संवाद, प्लूटस एकडेमी, साई ट्रेडिंग, सिविल डेली आईएएस, गाइडेंस आईएएस, कैरियर पावर, 99 नोट्स, विद्या गुरु और ईजी फॉर आईएएस शामिल हैं
विकास दिव्यकीर्ति की दृष्टि कोचिंग भी हुई सील
इसके अलावा दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने मुखर्जी नगर में बड़ी कार्रवाई की है। एमसीडी की टीम ने दिल्ली में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए संचालित प्रतिष्ठित दृष्टि आईएएस के नेहरू विहार स्थित बड़े सेंटर को सोमवार सुबह सील कर दिया। बताया जा रहा है कि दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर (Drishti IAS Coaching Centre) वर्धमान माल के बेसमेंट में चल रहा था।
बेसमेंट के सात-आठ बड़े हॉल में चल रहे दृष्टि आईएएस कोचिंग (Drishti IAS Coaching Centre) संचालित हो रही थी। इसके एक हॉल में लगभग 250 से 300 अभ्यर्थियों की कोचिंग क्लासेज चलती थी। यानि की कोचिंग के एक बैच में लगभग 1800-2000 अभ्यर्थियों की क्लासेज चल रही थी। नगर निगम की इस कार्यवाही को मुखर्जी नगर में स्थित अन्य कोचिंग संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। यहीं एमसीडी की किसी प्रतिष्ठित कोचिंग सेंटर पर यह बड़ी कार्रवाई बतायी जा रही है।
चढ़ने लगा सियासत का पारा
दिल्ली नगर निगम और दिल्ली पुलिस की ओर से इस हादसे को लेकर ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है। दूसरी ओर यह मामला आज संसद में भी गूंजा।एक दूसरे को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराने की होड़ लगी है। केंद्र में सत्ताधारी भाजपा ने इस मामले में दिल्ली की केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम में आप की सरकार है। बीजेपी ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने नाले और सीवर को साफ नहीं कराया। इसी वजह से बारिश से जमा हुआ पानी बाहर नहीं निकल सका। सीवर का गंदा पानी वापस कोचिंग सेंटर में घुस गया। जिससे तीन छात्रों की जान चली गई।
समाजवादी पार्टी के मुखिया और कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव भी इस मुद्दे को लेकर तीखे तेवर में नजर आए।सपा मुखिया ने कहा कि आखिरकार प्लानिंग और एनओसी देने की जिम्मेदारी तो अधिकारियों की है तो आखिर जिम्मेदारी किसकी है? ऐसे अफसरों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है।
भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज इस मामले को लेकर खूब बरसीं। उन्होंने कहा कि बेसमेंट में पानी भर जाने से मौत का शिकार होने वाले बच्चे उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और केरल के थे। वे आईएएस की तैयारी करने के लिए दिल्ली आए थे मगर दिल्ली सरकार की आपराधिक लापरवाही के कारण उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी।पिछले दो साल से दिल्ली नगर निगम दिल्ली सरकार के नियंत्रण में है। दिल्ली जल बोर्ड और ड्रेनेज की सफाई भी दिल्ली सरकार के हाथों में है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी बहस में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि मैं हादसे का शिकार होने वाले एक छात्र के परिजनों से मिलकर आ रहा हूं। यह काफी दुखद है कि इमारत में फायर सेफ्टी और फ्लड सेफ्टी के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए मामले की जांच पड़ताल की जानी चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने भी दिल्ली कोचिंग मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि इस कोचिंग सेंटर की इमारत को स्वीकृति नहीं मिली थी। ऐसे में सरकार क्या इस मामले में एक्शन लेगी?

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