स्वास्थ्य

दांतों के डॉक्टरों ने जताया विरोध, 11 दिसम्बर को काली पट्टी बांध कर काम किया

सेंट्रल काउंसिल फॉर इंडियन मेडिसन द्वारा आयुर्वेद के जरिये उपचार करने वाले वैद्यों को दातों सहित शरीर के कुछ अन्य अंगों की शल्य चिकित्सा (सर्जरी) की अनुमति दिए जाने के विरोध में जयपुर के दंतचिकित्सकों ने भी अपनी जबर्दस्त  नाराजगी जाहिर की। इंडियन डेंटल एसोसिएशन (आईडीए) की जयपुर शाखा के आह्वान पर 11 दिसम्बर को जयपुर के  दांतों के डॉक्टरों ने विरोध स्वरूप केवल आपातकालीन सेवाएं ही दीं और काला रिबन लगाकर और काला मास्क पहनकर विरोध प्रदर्शन किया। अस्पताल व क्लीनिक बंद रखे गए।

ऐलोपैथ डॉक्टरों के कार्यों पर अतिक्रमण

डॉ. सतीश भारद्वाज, आईडीए की जयपुर शाखा के अध्यक्ष

आईडीए की जयपुर शाखा के अध्यक्ष डॉक्टर सतीश भारद्वाज का कहना है कि आयुर्वेद के वैद्यों को दातों की सर्जरी के लिए सरकार की ओर से अनुमति ऐलोपैथ डॉक्टरों के कार्यों का अतिक्रमण है। इस अतिक्रमण को रोकना अब बेहद जरूरी हो गया है। आयुर्वेद के वैद्यों को सर्जरी का अधिकार देने संबंधी सरकार का फैसला जल्द से जल्द वापस होना ही चाहिए।

सरकार अपना आदेश वापस ले

बाएं से दाएं क्रम से डॉ. रेखा, डॉ. अखलेश शर्मा, डॉ. दीपेश अग्रवाल और डॉ. राजीव वशिष्ठ (सचिव, आईडीए जयपुर)

आईडीए, जयपुर शाखा के सचिव डॉक्टर राजीव वशिष्ठ का कहना है कि 11 दिसम्बर को ऐलोपैथी के डॉक्टरों विशेषतौर पर दांतों के डॉक्टरों ने सांकेतिक विरोध किया। सरकार ने यदि अपना आदेश वापस नहीं लिया तो यह विरोध और तीव्र होगा।

Related posts

50 किलो पुरानी मिठाइयां एवं घेवर नष्ट कराया

admin

दीपावली (Diwali) आते ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग (Medical and Health Department) की कुंभकर्णी नींद (deep sleep) खुली, शुरू किया शुद्ध के लिए युद्ध अभियान (war like campaign)

admin

कोविड इलाज के बाद के प्रभावों का उपचार अब राजस्थान सरकार की नंबर 1 प्राथमिकताः रघु शर्मा, चिकित्सा मंत्री

admin