राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि समाज में जनजागरूकता (public awareness) लाकर ही एचआईवी/एड्स (AIDS) बीमारी (Disease) को मात (defeat) दी जा सकती है। एड्स के खिलाफ जंग को सशक्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सावधानी और सतर्कता के जरिये ही हम अपनी पीढ़ियों को सुरक्षित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा प्रशासन शहरों एवं गांवों के संग अभियान में भी मरीजों की स्क्रीनिंग कर निशुल्क दवाएं दी जा रही हैं। सरकार का लक्ष्य 2030 तक प्रदेश को एड्स मुक्त बनाना है।
मीणा बुधवार, 1 दिसंबर को ओटीएस में विश्व एड्स दिवस के मौके पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एड्स पीडित नियमित दवाओं के सेवन से सामान्य जीवनयापन कर सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेशवासियों को चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना
के जरिये 5 लाख रुपए तक का बीमा दिया जा रहा है। राज्य सरकार जरूरतंमद लोगों की निशुल्क दवाएं और निशुल्क जांचें कर मुख्यमंत्री के निरोगी राजस्थान के संकल्प को साकार कर रही है। उन्होंने जोखिम वाली बीमारियों के मरीजों को आगे आकर जांच करवाने का आव्हान किया।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि सरकार जरूरतमंद और गरीब तबके के लोगों तक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की हरसंभव कोशिश कर रही है। विभाग द्वारा एचआईवी/एड्स बीमारी के साथ जी रहे लोगों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने एड्स पीडितों के लिए कार्य कर रही संस्थाओं की दिल खोलकर प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्थाएं ऐसे लोगों को मुख्यधारा में लाने का अनुकरणीय कार्य कर रही है। इस अवसर पर एड्स नियंत्रण के लिए बेहतरीन कार्य करने वाले अधिकारियों, कार्मिकों और रेड रिबन क्लब के सदस्यों को प्रशस्ति पत्र देकर भी सम्मानित किया।
कार्यक्रम में टांसजेडर समुदाय से ‘नई भोर’ संस्था की पुष्पा गिदवानी और एड्स बीमारी को मात देकर आई श्रीमती शकीरा खान ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
एड्स कंटोल सोसायटी के निदेशक डॉ रवि प्रकाश शर्मा ने बताया कि विभाग द्वारा प्रदेश में व्यापक स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। सभी चिकित्सा संस्थानों में जांच और दवाओं की सुविधा उपलब्ध है। कोई भी मरीज बिना किसी संकोच के उपचार प्राप्त कर सकता है।
इस अवसर पर एड्स कंटोल सोसायटी के अतिरिक्त निदेशक डॉ एमएम मित्तल, विभाग के अधिकारीगण, नर्सिंगकर्मी एवं बड़ी संख्या में नर्सिंग कॉलेजों के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।