जयपुर। राजस्थान फाउंडेशन ने ‘डोरी’ डॉक्टर ऑफ राजस्थान इंटरनेशनल का गठन किया है जिसके सदस्य राजस्थान मूल के डॉक्टर है और विदेशों रह रहे हैं। इन सभी डॉक्टरों को अपनी जमीन से जोड़ने के लिए राजस्थान फाउंडेशन मुख्य भूमिका निभा रहा है।
राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि फाउंडेशन सरकार और इन डॉक्टर्स के बीच की कड़ी बनकर इस कार्य को अंजाम दे रहा है। कोरोना के समय में मेडिकल कनेक्टिविटी बढ़ाने और इन सभी डॉक्टर्स का संपर्क राजस्थान से बना रहे इस कार्य हेतु साप्ताहिक रूप से उनकी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ से जुड़े सवालों के साथ ओपन फोरम भी रखा जाता है जिसमें लोग जुड़ कर अपने सवाल पूछ सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इसकी पहली कड़ी में डॉक्टर जयवीर राठौड़ जो फ्लोरिडा यूएसए न्यूरो सर्जन के रूप में कार्यरत है और डॉक्टर सपना पुरावत से वार्ता की गई, जो कैलिफोर्निया में साइकेट्रिस्ट के तौर पर कार्यरत है। कार्यक्रम में डॉक्टर्स ने अपने जीवन से जुड़े अनुभवों को साझा किया और बताया कि राजस्थान से निकले उन्हें एक अरसा हो गया है लेकिन वह अपने राज्य के लिए फिर से कुछ करना चाहते हैं, अपनी सेवाएं देना चाहते हैं।
डॉक्टर जयवीर राठौड़ ने कहा कि मिर्गी का रोग आज भी राजस्थान के गांव में अलग तरह से देखा जाता है। लोगों में अभी भी इस रोग को लेकर जागरुकता की कमी है। डॉक्टर सपना ने कहा कि डिप्रेशन आज घर-घर की बीमारी होता जा रहा है और खास तौर से अभी कोरोना महामारी के चलते हर उम्र में हर वर्ग में डिप्रेशन ने अपनी जगह बना ली है, जिससे बाहर निकालना बहुत जरूरी है।
शारीरिक बीमारियों में भी हल्की बीमारियां होती है, कई बार मामूली आराम करने से ठीक हो जाती है और कई बार हमें बहुत बड़ी बीमारियां भी होती है जो कैंसर का रूप लेती है उसी तरह दिमागी बीमारियां भी छोटी से बड़ी तक हो सकती है लोग अक्सर इस बीमारी को खुद अपने आप में पढऩे की कोशिश करते हैं, लेकिन अगर कोई आपको कहता है कि उसे महसूस हो रहा है कि वह डिप्रेशन में है तो आपको उसको डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। डॉक्टर सपना से बातचीत करते हुए एमपीएस स्कूल इंटरनेशनल साइकोलॉजी टीचर और कॉउंसलर डॉ. भावना और शिक्षिका विजया लक्ष्मी व कुछ स्टूडेंट्स ने अपने सवाल पूछे।