राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने शोध पद्धति पर डॉ लता सुरेश द्वारा लिखी गयी पुस्तक “अनवीलिंग द पाथ टू नाॅलेज एक्सप्लोरिंग रिसर्च थ्योरी एंड डिजाइन ” का विमोचन किया। पुस्तक का उद्देश्य शोधकर्ताओं को उनकी शोध क्षमता और समझ को बढ़ाने में मदद करना है। राज्यपाल मिश्र ने कहा कि यह पुस्तक, जिसे डॉ. लता सुरेश ने बहुत ही सतर्कता से रचा है, ने अपने शैक्षिक, शोध और सार्वजनिक सेवा में गहन अनुभव का संयम रखते हुए उसका उपयोग किया है। इस पुस्तक में डॉ लता ने सिद्धांत को अभ्यास से जोड़ने के साथ, पुस्तक पाठकों को मूलभूत समझ, व्यावसायिक सुझाव का इस्तेमाल किया है। पुस्तक के जरिए उन्होंने विभिन्न विषयों में प्रभावी और सख्त शोध करने के लिए कदम-से-कदम मार्गदर्शन प्रदान किया है। पुस्तक जटिल शोध अवधारणाओं को सुलझाती है, जिससे नवादेशी और अनुभवी शोधकर्ताओं को उन्हें समझने में आसानी होती है।
इस पुस्तक के जरिए डॉ लता ने शोध प्रक्रियाओं को सरलता से समझाने का प्रयास किया है। वास्तविक दुनिया के मामले और उदाहरण दिखाते हैं कि विभिन्न शोध पद्धतियाँ विशिष्ट शोध प्रश्नों का समाधान करने के लिए कैसे लागू की जा सकती हैं। यह पुस्तक शोध प्रक्रिया के लिए एक संरचित दृष्टिकोण प्रदान करती है, शोध प्रश्नों के निरूपण से लेकर डेटा संग्रहण, विश्लेषण और व्याख्या तक। डॉ लता सुरेश ने नैतिक शोध प्रथाओं के महत्व को उजागर किया है और शोध में नैतिक चुनौतियों के सामने उतरने के लिए मार्गदर्शन किया है। पुस्तक की सामग्री विभिन्न विषयों को ध्यान में रखती है, जिससे यह विद्यार्थियों, पेशेवरों और विभिन्न शैक्षिक पृष्ठभूमियों के लिए एक मूल्यवान संसाधन है। पाठकों को ऑनलाइन संसाधनों, उपकरणों, और टेम्पलेटों का पहुँच मिलेगा जो उनके शोध प्रयासों में सहायक होंगे।
डॉ. सुरेश ने पुस्तक के प्रकाशन के संदर्भ में अपनी उत्साहित भावना व्यक्त करते हुए कहा, “शोध पद्धति प्रमाणिक और प्रभावशाली शोध का आधार होती है। इस पुस्तक के साथ, मैं शोधकर्ताओं और प्रवर्तनकर्ताओं को उन ज्ञान और कौशलों से सशक्त करने का उद्देश्य रखती हूँ जिनकी आवश्यकता होती है उच्च-गुणवत्ता वाले शोध का प्रदर्शन करने के लिए, जो हमारे दुनिया के ज्ञान में सामर्थ्यवर्धन करता है।” यह एक ऐसी पुस्तक है, जो आसान भाषा में शोधकर्ताओं के लिए है और जो शोध करना चाहते हैं। पुस्तर उनको ध्यान में रख कर ही लिखी गई है। उल्लेखनीय है कि यह पुस्तक प्रमुख पुस्तक विक्रेताओं और ऑनलाइन प्लेटफार्म जैसे अमेज़न और फ्लिपकार्ट के माध्यम से प्रिंट रूप में उपलब्ध है। बता दें कि डॉ लता सुरेश एक शिक्षक, प्रशिक्षक, शोधकर्ता हैं और सरकारी संगठन में काम कर रही हैं। करीब 30 वर्षों के प्रतिष्ठित करियर के साथ, उन्होंने शिक्षा प्रशिक्षण और शोध में महत्वपूर्ण योगदान किए हैं। यह पुस्तक उनकी शोध और शिक्षा के क्षेत्र को आगे बढ़ाने की उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। यह पुस्तक व्यक्तियों को उनकी शोध क्षमता और समझ को बढ़ाने में मदद करने के लिए एक व्यापक संसाधन प्रदान करने का उद्देश्य रखती है।