ताज़ा समाचारदिल्ली

आर्थिक सर्वेक्षण में देश की विकास दर 8.5 फीसदी तक रहने का अनुमान

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार, 31 जनवरी को लोकसभा में देश की माली हालत को दर्शाने वाला आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इसमें उन्होंने बताया कि अप्रेल 2022 से मार्च 2023 तक के वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 8 से 8.5 फीसदी रह सकती है। यह चालू वित्त वर्ष के 9.2 फीसदी के पूर्वानुमान से कम है।

उल्लेखनीय कि इससे पूर्व राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने पूर्व में 9.2 प्रतिशत जीडीपी विस्तार का अनुमान जताया गया था। आर्थिक सर्वेक्षण वित्त वर्ष 2021-22, अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति के साथ-साथ विकास में तेजी लाने के लिए किये जाने वाले सुधारों का विवरण देता है। वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी। सर्वेक्षण भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन में सुधार के लिए आपूर्ति-पक्ष पर केंद्रित है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को देश का आम बजट पेश करेंगी। पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री होने के नाते यह निर्मला सीतारमण का चौथा बजट है और वर्ष 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार का यह 10वां बजट होगा।
सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया कि 2022-23 में चुनौतियों का सामना करने के लिए अर्थव्यवस्था अच्छी तरह से तैयार है। आर्थिक गतिविधियां पूर्व-महामारी के स्तर पर पहुंच गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की कमाई में तेजी से सुधार हुआ है, ऐसे में सरकार राजकोषीय उपायों की घोषणा कर पाने की स्थिति में है

वित्त मंत्री की ओर से पेश सर्वेक्षण 2022-23 रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी के संकट काल में कृषि क्षेत्र का योगदान सबसे अहम रहा है। इस साल कृषि क्षेत्र ने मजबूत प्रदर्शन किया। इस आधार पर एग्रिकल्चर सेक्टर के ग्रोथ का अनुमान 3.9 फीसदी और इंडस्ट्रियल सेक्टर में 11.8 फीसदी की तेजी का अनुमान लगाया गया है।

चालू वित्त वर्ष के लिए सेवा क्षेत्र के ग्रोथ का अनुमान 8.2 फीसदी तय किया गया है। औद्योगिक क्षेत्र में 2020-21 में निगेटिव (-7%) ग्रोथ दर्ज की गई थी, सर्विस सेक्टर में पिछले साल यानी 2020-21 में 8.6 परसेंट की गिरावट आई थी। इसके साथ ही आईपीओ का जिक्र करते हुए कहा गया कि 2021 में आईपीओ के जरिए पूर्व के वर्षों की तुलना में ज्यादा रकम जुटाई गई। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि मांग प्रबंधन के बजाय आपूर्ति पक्ष में सुधार हुआ है। अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार में सहायता प्रदान करने के लिए वित्तीय प्रणाली के साथ निजी क्षेत्र का निवेश अच्छी स्थिति में रहेगा। अगले वित्त वर्ष में वृद्धि का समर्थन करने के लिए पूंजीगत व्यय में तेजी लाने के लिए निर्यात में मजबूत वृद्धि होगी। 

केंद्र सरकार का बजट प्रति वर्ष पहली फरवरी को पेश किया जाता है। इसके ठीक एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया था। आर्थिक सर्वेक्षण बजट का मुख्य आधार होता है और इसमें अर्थव्यवस्था का पूर्ण लेखा-जोखा रहता है। दूसरे शब्दों में कहें तो आर्थिक सर्वेक्षण देश की आर्थिक सेहत का लेखा.जोखा होता है। इसके जरिए सरकार देश को अर्थव्यवस्था की हालत के बारे में बताती है। इसमें साल भर में विकास की क्या स्थिति रही।  किस क्षेत्र में कितनी पूंजी आई, विभिन्न योजनाएं किस तरह लागू हुईं आदि सभी बातों की जानकारी होती है। इसके साथ ही इसमें सरकारी नीतियों की जानकारी होती है।

Related posts

सड़क हादसे के घायल तड़पते नहीं रहेंगे…! पूरे भारत के लिए मोदी सरकार लाएगी यह गेमचेंजर स्कीम

Clearnews

गृह मंत्री अमित शाह को लेकर कनाडा की अनर्गल टिप्पणियों पर भारत का करारा जवाब..

Clearnews

राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की दूरदर्शिता (vision) से भारत बना सूचना तकनीक (information technology) का सिरमौरः मुख्यमंत्री गहलोत (CM Gehlot)

admin