पानीपत। जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में छापेमारी के कुछ दिनों बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को ₹40.62 लाख की बेहिसाबी नकदी, ₹1.61 करोड़ के आभूषण और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेजों की बरामदगी का खुलासा किया। जिन प्रमुख स्थानों पर छापेमारी हुई, उनमें हरियाणा के पानीपत स्थित बीजेपी नेता नीति सेन भाटिया का आवास भी शामिल है।
18 घंटे चली छापेमारी, पूर्व सांसद संजय भाटिया भी मौजूद
ईडी के जम्मू सब-जोनल कार्यालय द्वारा 13 फरवरी को की गई इस कार्रवाई के तहत पानीपत के मॉडल टाउन स्थित भाटिया के घर पर करीब 18 घंटे तक तलाशी अभियान चला। इस दौरान करनाल से पूर्व बीजेपी सांसद संजय भाटिया, जो उनके करीबी रिश्तेदार हैं, भी वहां मौजूद थे।
ईडी के मुताबिक, यह छापेमारी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत रईस अहमद भट और अन्य के खिलाफ चल रही जांच के हिस्से के रूप में की गई। मामला कोडीन-आधारित कफ सिरप (CBCS) की अवैध बिक्री और उससे हुई गैरकानूनी कमाई से जुड़ा हुआ है।
हिमाचल प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर तक फैली जांच
पानीपत के अलावा, ईडी अधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में भी छापेमारी की, जहां नीति सेन भाटिया के छोटे बेटे नीरज भाटिया की कंपनी एम/एस विदित हेल्थकेयर स्थित है। यह कंपनी “Cocrex” नामक कोडीन-आधारित कफ सिरप का निर्माण करती है। इसके अलावा, दिल्ली-एनसीआर में उनके व्यावसायिक साझेदारों से जुड़े अन्य स्थानों पर भी छापेमारी की गई।
नीरज भाटिया को पिछले साल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने इस मामले में गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी।
अवैध कफ सिरप व्यापार और वित्तीय लेन-देन
ईडी के अनुसार, Cocrex, जिसे एम/एस विदित हेल्थकेयर द्वारा निर्मित किया जाता था, अवैध रूप से खरीदा, इधर-उधर भेजा और फर्जी कंपनियों के जरिए बेचा गया। इन कंपनियों में एम/एस एसएस इंडस्ट्रीज, फरीदाबाद (मालिक सुमेश सरीन), एनके फार्मास्युटिकल्स, कंसल फार्मास्युटिकल्स और कंसल इंडस्ट्रीज (दिल्ली के निकेत कंसल और उनके परिवार द्वारा संचालित) शामिल थीं।
2018 से 2024 के बीच, इन संस्थाओं ने विदित हेल्थकेयर से CBCS की खरीद की और इसे अनधिकृत रूप से वितरित किया। कई कंपनियों के ड्रग लाइसेंस नियामक अधिकारियों द्वारा रद्द कर दिए गए थे।
2019 से 2025 के बीच, एनके फार्मास्युटिकल्स और सहयोगी कंपनियों ने लगभग 55 लाख CBCS की बोतलें खरीदीं और विदित हेल्थकेयर को ₹20 करोड़ से अधिक का भुगतान किया। ईडी को संदेह है कि इन बोतलों को खुले बाजार में अवैध रूप से बेचा गया, जिससे भारी मात्रा में काले धन और अनियमित बैंक लेन-देन हुए।
फरार आरोपियों का सुराग मिला
छापेमारी के दौरान, ईडी ने गर्व भाम्भरी और निकेत कंसल की मां, ममता कंसल का भी पता लगाया, जो पहले से ही एनसीबी मामले में फरार चल रहे थे। एजेंसी ने उनके बारे में जानकारी ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी को भी सौंप दी है ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।