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चुनाव आयोग प्रमुख का विदाई भाषण, ‘गुमराह करने वाले नैरेटिव’ पर चिंता व्यक्त की

नयी दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कार्यकाल सोमवार को समाप्त हो गया। अपने विदाई भाषण में उन्होंने चुनावी प्रक्रिया के दौरान ‘गुमराह करने वाले नैरेटिव’ (Misleading Narratives) के बढ़ते चलन पर चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान जानबूझकर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया जाता है, जिससे मतदाताओं को गुमराह किया जाता है।
चुनाव आयोग पर हमलों का जवाब
राजीव कुमार ने कहा कि संस्थानों पर “प्रेरित हमले” (motivated attacks) जनता के विश्वास को डिगा नहीं सकते। विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया था। उन्होंने मतदाता सूची में गड़बड़ी, ईवीएम में छेड़छाड़, और मतदाता टर्नआउट में हेरफेर जैसे मुद्दों पर आयोग की निष्क्रियता का आरोप लगाया था।
राजीव कुमार ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “मतदान या मतगणना के चरम समय में इस तरह की भ्रामक कहानियां गढ़ना, एक जानबूझकर किया गया प्रयास होता है, जिससे जनता को गुमराह किया जाता है। चुनावी प्रक्रिया में पूरी तरह भाग लेने के बाद परिणामों पर सवाल उठाना अनुचित है।”
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग लोकतांत्रिक मर्यादाओं का पालन करता है और चुनावी प्रणाली पर जनता का विश्वास मजबूत बना रहेगा।
लोकतंत्र के लिए चुनाव आयोग की प्रतिबद्धता
उन्होंने यह भी कहा कि 15 लाख से अधिक चुनावी कर्मियों की मेहनत से देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित होते हैं। उन्होने कहा, “पिछले 75 वर्षों में जनता का लोकतांत्रिक संस्थानों पर जो विश्वास बना है, उसे कुछ लोग सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जनता का भरोसा अडिग रहेगा।”
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्ष चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहा है।

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