इस बार राजस्थान समेत देशभर में अच्छी बारिश होगी। कई इलाकों में रुक-रुक कर बारिश का दौर चलेगा और बाढ़ आएगी। इस वजह से कई बांधों को नुकसान भी हो सकता है।यह दावा 250 साल पुराने टेस्ट से किया गया है। जिसे वायु परीक्षण के नाम से जाना जाता है।
दरअसल, जयपुर के जंतर-मंतर पर सोमवार को सूर्यास्त के बाद शाम 7 बजकर 21 मिनट पर इस परीक्षण को किया गया। शहर के सात से आठ ज्योतिषाचार्यों की ओर से किए गए इस परीक्षण में दावा किया गया कि इस बार देश में अच्छी बारिश होने से फसल भी अच्छी होगी। अन्न की कोई कमी नहीं रहेगी।पानी की कमी नहीं रहेगी, इंडियन काउंसिल ऑफ नेशनल एस्ट्रोलॉजी के वाइस प्रेसिडेंट पंडित सतीश शर्मा ने बताया कि हर साल आषाढ़ की पूर्णिमा पर वायु परीक्षण किया जाता है।
ज्योतिषाचार्यों और मौसम विभाग के मानसून को लेकर अलग-अलग दावे
सोमवार को भी जंतर-मंतर के सम्राट यंत्र पर यह परीक्षण किया गया। उन्होंने बताया- इस टेस्ट के बाद यह आकलन किया गया कि इस साल नदी-नालों सहित बांधों में पानी की भरपूर आवक रहेगी। जमीन के जल में इस बार कोई कमी नहीं रहने वाली है। वहीं, अधिक वर्षा जल के कारण कई बांधों को नुकसान होने की भी आशंका है।
ऐसा दावा किया जाता है कि वायु परीक्षण की भविष्यवाणी हर साल सटीक बैठती है। ज्योतिषाचार्य अर्जुन लाल शास्त्री ने बताया कि यह भविष्यवाणी हवा के वेग के आधार पर की जाती है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि यह भविष्यवाणी लगभग सटीक बैठती है।
सोमवार को भी जब झंडे को सम्राट यंत्र पर स्थापित किया गया तो झंडा पश्चिम से पूर्व दिशा की तरफ था।
अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ के अध्यक्ष आचार्य शिवकुमार अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष राजा बुध है, मंत्री शुक्र है, मेघेश गुरु हैं। इसलिए अच्छी वर्षा का योग है।
वायु का बहाव पश्चिम से पूर्व की तरफ तो था ही, थोड़ा-थोड़ा साउथ वेस्ट से ईशान कोण की तरफ भी बहाव था। जैसे बादल छाए रहने का अनुमान लगाया जाता है। इससे बुद्धिजीवी वर्ग का विकास माना जा रहा है। वहीं अच्छी फसल से समृद्धि भी बढ़ेगी।
मौसम विभाग का सामान्य से कम बारिश का अनुमान
इधर, मौसम विभाग दिल्ली का बारिश को लेकर पूर्वानुमान कुछ और ही है। अगले तीन महीने के आए फोरकास्ट में दावा किया गया है कि इस बार प्रदेश में सामान्य से कम बारिश होगी।
प्रदेश में औसत बारिश का अनुमान करीब 415 MM है। लेकिन, इस बार राजस्थान में सामान्य से 4 से 5 प्रतिशत कम बारिश हाेगी। बांधों की बात की जाए तो प्रदेश में 650 से ज्यादा छोटे-बड़े बांध हैं। लेकिन, ‘बिपरजॉय’ तूफान की वजह से अधिकांश बांधों में पानी की आवक तो हुई है, लेकिन अभी तक कोटा बैराज के अलावा कोई ऐसा बांध नहीं है जिसका गेट खोला गया हो।