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मद्रास हाई कोर्ट ने एमएस धोनी की अर्जी पर IPS अफसर को सुनाई 15 दिन की कैद की सजा, जानें क्या है मामला

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी की ओर से दायर अर्जी पर मद्रास हाई कोर्ट ने शुक्रवार 15 दिसंबर 2023 को आईपीएस अफसर संपत कुमार को 15 दिन की कैद की सजा सुनाई। कानूनी ख़बरों की साइट बार एंड बेंच के अनुसार हालांकि, जस्टिस एसएस सुंदर और सुंदर मोहन की पीठ ने संपत कुमार को अपील दायर करने की अनुमति देने के लिए सजा को 30 दिन के लिए निलंबित कर दिया।
एमएस धोनी ने कथित दुर्भावनापूर्ण बयानों और समाचार रिपोर्ट्स पर जी मीडिया, संपत कुमार और अन्य के खिलाफ हाई कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया था जिसमे ये दावा किया गया था कि वह 2013 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मुकाबलों की सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग में शामिल थे।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान एमएस धोनी ने हाई कोर्ट से संपत कुमार समेत प्रतिवादियों को इस मुद्दे से संबंधित उनके खिलाफ अपमानजनक बयान जारी करने या प्रकाशित करने से रोकने का आदेश देने की मांग की थी।
मद्रास हाई कोर्ट ने पहले अंतरिम निषेधाज्ञा दी थी और जी मीडिया, संपत कुमार और अन्य को एमएस धोनी (MS Dhoni) के खिलाफ मानहानि वाले बयान देने से रोक दिया था। बता दें कि संपत कुमार ने ही शुरुआत में आईपीएल सट्टेबाजी घोटाले की जांच की थी।
इसके बाद जी मीडिया और अन्य ने मानहानि के मुकदमे के जवाब में अपने लिखित बयान दायर किए। इसके बाद एमएस धोनी ने एक अर्जी दाखिल कर दावा किया किआईपीएस संपत कुमार ने अपनी लिखित दलीलों में और भी अपमानजनक बयान दिए है। साथ ही कोर्ट से संपत कुमार के खिलाफ अदालत के आदेश की अवमानना की कार्यवाही करने की मांग की। मद्रास हाई कोर्ट में एमएस धोनी की ओर से एडवोकेट पीआर रमन पेश हुए।
एमएस धोनी ने अर्जी में आरोप लगाया कि आईपीएस अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाई कोर्ट के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की।उनकी यह हरकत न्यायिक प्रणाली में आम आदमी के विश्वास को डगमगाने वाली है। इस प्रकार यह आपराधिक अवमानना है।
संपत कुमार ने कथित तौर पर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति मुद्गल समिति (2013 आईपीएल में मैच फिक्सिंग की स्वतंत्र जांच के लिए गठित) की रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को सीलबंद कवर में रखने का फैसला किया और विशेष जांच दल को इसे प्रदान नहीं किया।

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