जयपुर। राजस्थान में अब किसानों की भूमि नीलाम नहीं होगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को नीलामी कार्रवाई को रोकने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में रिजर्व बैंक के नियंत्रण में आने वाले व्यवसायिक बैंकों की ओर से किसानों के ऋण न चुका पाने के कारण रोड़ा एक्ट के तहत भूमि कुर्की और नीलामी की कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि प्रदेश में कृषि भूमि नीलामी रोकने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार ने सहकारी बैंकों के ऋण माफ किए हैं और भारत सरकार से आग्रह किया है कि व्यवसायिक बैंकों से वन टाइम सैटलमेंट कर किसानों के ऋण माफ करें। राजस्थान सरकार सरकार भी इसमें हिस्सा वहन करने हेतु तैयार है।
गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने 5 एकड़ तक कृषि भूमि वाले किसानों की जमीन नीलामी पर रोक का बिल विधानसभा में पास किया था, लेकिन अभी तक राज्यपाल की अनुमति नहीं मिल पाने के कारण यह कानून नहीं बन सका है। मुझे दुख है कि इस कानून के नहीं बनने के कारण ऐसी नौबत आई। मैं आशा करता हूं कि इस बिल को जल्द अनुमति मिलेगी, जिससे आगे ऐसी नीलामी की नौबत नहीं आएगी
इस लिए किया नीलामी पर रोक का फैसला
उल्लेखनीय है कि किसान कर्ज माफी का वादा कर कांग्रेस सत्ता में आई थी, लेकिन वह अपना वादा पूरा करने में विफल रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव से पहले कहा था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो किसानों का 10 दिन में कर्जा माफ होगा। कांग्रेस सरकार को सत्ता संभाले तीन साल से भी ज्यादा समय हो गया लेकिन अब तक किसानों का कर्ज माफी का वादा पूरा नहीं हो सका है और अब तो किसानों की जमीनें नीलाम होने लगी है।
भाजपा ने सरकार को घेरा
इस नीलामी को लेकर प्रदेश में सियासत भी शुरू हो गइ है। गुरुवार को सांसद किरोड़ी लाल मीणा, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उपनेता राजेंद्र राठौड़, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया सहित कई भाजपा नेताओं ने गहलोत सरकार को निशाने पर ले लिया। भाजपा नेताओं द्वारा इसे मुदृा बनाने को लेकर कांग्रेस भी सतर्क हो गई, क्योंकि कुछ ही समय बाद पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इस मामले का तीन राज्यों पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पर असर पड़ सकता है। इसी के चलते मुख्यमंत्री को नीलामी प्रक्रिया पर रोक के निर्देश देने पड़ गए।