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पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने करौली के दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा किया

कहा गहलोत की सबसे बड़ी उपलब्धि खुद की गलती को भाजपा पर मढ़ना, लेकिन इसमें वह सफल नहीं हो पाते है

जयपुर। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्षऔर पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि करौली का दंगा गहलोत सरकार की तुष्टीकरण की नीति का परिणाम है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक आदेशों के माध्यम से राज्य की गहलोत सरकार हिंदू त्योहारों पाबंदी लगा रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

राजे ने मंगलवार को करौली में दंगा प्रभावित स्थलों का दौरा करने के बाद सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते है कि भाजपा के शीर्ष नेता आग लगाने का काम करते हैं। जबकि पीएम नरेंद्र मोदी,गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का तो एक ही लक्ष्य है सबका साथ और सबका विकास। सरकार आपकी, पुलिस आपकी और प्रशासन आपका तो फिर दोष भाजपा पर क्यों? सच तो यह है कि यह आग करौली में कांग्रेस ने लगवाई है। इस दौरान राजे ने पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात की।

राजे ने कहा कि कई बार मीडिया पूछता है कि मुख्यमंत्री गहलोत जी की उपलब्धि क्या है? मेरा जवाब होता है-मुख्यमंत्री जी की उपलब्धि है खुद की हर गलती को पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह,राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा नेताओं पर डालने का प्रयास करना, पर वे इसमें सफल नहीं होते।

राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते है कि भाजपा धर्म की राजनीति करती है। जबकि भाजपा तो कर्म की राजनीति करती है। करौली कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति कारण ही जला। नववर्ष के उपलक्ष्य में निकाली जा रही शोभा यात्रा पर षड्यंत्र पूर्वक पथराव किया गया। जिन्होंने प्राण घातक हमला किया उन पर भी वही धाराएं और जो घायल हुए उन पर भी वही धाराएं। इस सरकार का यह कैसा न्याय है? यदि शोभा यात्रा से पहले ही प्रशासन सतर्कता बरतता, तो यह घटना टल सकती थी। करौली से कई लोग पलायन कर गये हैं। कई लोग दहशत में जी रहें हैं।

राजे ने कहा कि यह सरकार पूरी तरह से तुष्टिकरण की नीति पर काम कर रही है। रमज़ान पर निर्बाध रूप से बिजली देने के आदेश, छोटी सादड़ी के केसुंदा गांव में भाजपा का झंडा लगाने के कारण एक कार्यकर्ता की हत्या इसकी बानगी है। इसी तरह भीलवाड़ा में परशुराम सर्कल पर से भगवा झंडा हटवाया गया। बाद में जब भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध किया तो प्रशासन को भगवा झंडा वापस लगवाना पड़ा। जबकि भगवा किसी पार्टी का रंग नहीं है,यह भगवान का रंग है। आज भगवा से परहेज़, तो क्या कल कांग्रेस भगवान से भी परहेज़ करेगी?

राजे ने बाद में करौली कलेक्टर, एसपी को बुलाकर अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी का निर्वहन ढंग से करने की नसीहत दी और हुए कहा कि याद रखना समय एक सा नहीं रहता है। ऐसी ग़लतियो का ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ता है। जिस तरह से आपने लोगों के साथ अन्याय किया है, उसे भूला नहीं जा सकता। यह टोटली पुलिस व राज्य सरकार की असफलता और षड्यंत्र है। ऐसे में दोषियों को तुरंत गिरफ़्तार किया जाये और किसी भी निर्दोष को जबरन नहीं फंसाया जाए।

कैला देवी के किए दर्शन
राजे ने मंगलवार को करौली के प्रमुख धार्मिक स्थल मां कैला देवी जी के मंदिर में शीश झुकाकर मातेश्वरी की पूजा-अर्चना की तथा देश-प्रदेश में शांति व खुशहाली की कामना की। इससे पूर्व अटेवा स्थित शिव महाकाली मंदिर में भी दर्शन किया और मौनी बाबा का आशीर्वाद लिया।

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