जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइन्स एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि एसपीसीएल राजस्थान रिफायनरी (एचआरआरएल) की इकाइयों में आधारभूत संरचनाओं के काम में तेजी आई है वहीं रिफायनरी परियोजना में 4654 करोड़ रुपए के काम पूरे हो चुके हैं।
अग्रवाल ने बताया कि रिफायनरी के मुख्य वेयर हाउस का निर्माण कार्य पूर्ण होने के साथ ही रिफायनरी राजस्थान सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। राज्य सरकार का प्रयास है कि रिफायनरी परियोजना का कार्य निर्धारित समय सीमा अक्टूबर, 22 तक पूरा कर मार्च, 23 तक व्यावसायिक उत्पादन प्रारंभ हो सके। कोविड-19 के कारण प्रभावित कार्य को तय समय सीमा में पूरा करने की रिफायनरी प्रबंधन द्वारा रणनीति तय की गई है।
अग्रवाल ने बाड़मेर रिफायनरी एसपीसीएल राजस्थान रिफायनरी की बोर्ड मीटिंग में रिफायनरी परियोजना की प्रगति और रोडमेप के अनुसार तय समय सीमा में कार्य पूरा कराने के सभी बिन्दुओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि एचपीसीएल और राजस्थान सरकार के इस संयुक्त उद्यम की खास बात यह है कि यहां रिफायनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स दोनों एकीकृत रुप से बन रहे हैं। रिफायनरी में बीएस अप मानक के उत्पाद का उत्पादन होगा।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि रिफायनरी में 9 रिफायनरी व 4 पेट्रोकेमिकल सहित 13 प्रोसेस इकाइयां स्थापित होंगी जिसकी बेसिक डिजाइन इंजीनियरिंग का कार्य पूरा करा लिया गया है। रिफायनरी साइट पर ही 20950 घनमीटर के जलाषय का निर्माण हो गया है और नाचना व टाउनशिप जलाषय का काम प्रगति पर है।
इसी तरह से बाड़मेर क्रूड ऑयल पाइप लाइन, प्रातिक गैस एवं पानी की पाइप लाइन बिछाने के सर्वे का काम पूरा हो गया है वहीं आयातित अरब मिक्स क्रूड ऑयल पाइप लाइन बिछाने का सर्वे कार्य जारी है। बांगूडी से रिफायनरी तक पानी की पाइप लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो गया है।