जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर प्रदेश में कोविड-19 महामारी से बचाव एवं उपचार के लिए कार्य कर रहे फ्रंटलाइन वर्कस को उनके कार्य की महत्ता के अनुरूप विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं। राज्य सरकार ने अब हैल्थकेयर वर्कस और कोरोना संक्रमण की रोकथाम से संबंधित ड्यूटी करते हुए किसी राज्य कर्मचारी के संक्रमित होने पर उसे विशेष अवकाश दिए जाने का फैसला किया है।
सरकार की ओर से जारी परिपत्र के अनुसार कोविड-19 की ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने वाले राज्य कर्मचारी को उपचार अवधि (अधिकतम 30 दिवस) का विशेष अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा। इससे अधिक अवकाश की आवश्यकता होने पर कर्मचारी को नियमानुसार देय बकाया अवकाश स्वीकृत किया जाएगा। अवकाश के लिए कार्मिक को अपने नियंत्रण अधिकारी को संबंधित चिकित्सा प्रभारी अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा।
उल्लेखनीय है कि गहलोत ने राज्य में कोरोना वॉरियर्स की संक्रमण से मृत्यु की स्थिति में 50 लाख रुपए की एक्स-ग्रेसिया सहायता देने के लिए भी आदेश जारी किए हैं। प्रदेश के 5 हैल्थ वर्कर्स की कोविड-19 से संक्रमण के चलते मृत्यु होने पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 50 लाख रुपए की बीमा राशि का भुगतान कराया गया है। ऐसे 27 अन्य प्रकरणों में भी बीमा राशि का भुगतान प्रक्रियाधीन है।
इसके अतिरिक्त कोविड में फ्रंटलाइन वर्कर्स को राज्य सरकार प्रोत्साहन राशि भी दे रही है। आशाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपए तथा एएनएम, नर्स, टेक्नीशियन, वार्डब्वाय, एलएचबी, वाहन चालक, सफाईकर्मी, आईसीयू में कार्यरत नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ को प्रतिदिन 200 रुपए तथा वार्ड में कार्यरत नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ को 100 रुपए प्रतिदिन की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। साथ ही, पैरामेडिकल स्टाफ को एकबारीय 2500 रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी गई है।
कोविड ड्यूटी में कार्यरत कार्मिक को चिकित्सा संस्थान के पास ही ठहरने की अच्छी व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है। सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों की सेवा अवधि में विस्तार किया गया है। कोविड में 14 दिवस कार्यरत कार्मिकों को रोटेशन की दृष्टि से क्वारेंटाइन करते हुए वैतनिक अवकाश भी स्वीकृत किया गया है।
इसी प्रकार, हाईरिस्क कार्मिकों को कोविड संक्रमण से बचाने की दृष्टि से प्राथमिकता के आधार पर ऐसे कार्यों से दूर रखा जा रहा है, जहां संक्रमण का खतरा अधिक है। साथ ही, सभी कार्मिकों को कोविड संक्रमण से बचाव के लिए उचित ट्रेनिंग एवं जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं।