गावस्कर- बॉर्डर ट्रॉफी मेजबान टीम की बड़ी जीत
कल जब 15 विकेट गिरे तब सबको आभास हो ही गया था कि यह मुकाबला 5 दिन चलने से रहा। पर किसी ने कल्पना भी नहीं कि थी कि केवल ढाई दिनों में खेल खत्म हो जायेगा। आज आधे दिन मे ही काम तमाम हो गया।
भारतीय बल्लेबाजी का चीरहरण
आज पूर्व ऑस्ट्रेलियन कप्तान रिकी पोंटिंग का जन्मदिन था। 2008 की शृंखला में खेल भावना के अभाव के चलते वह भारतीय समर्थकों को दुर्योधन नजर आये थे। आज उसी दुर्योधन की याद भारतीय बल्लेबाजी देखकर हुई , जिसका चीरहरण कंगारुओं ने किया। रात्री के पहरेदार बूमरा का कैच अपने ही गेंद पर लपककर कमिन्स ने 15 के स्कोर पर भारत को दूसरा झटका दिया। उन्होंने मयंक अग्रवाल को भी चलता किया।
स्कोरबोर्ड 15 पर ही टिका रहा और हेजलवुड ने पुजारा और रहाणे को एक ही ओवर में चलता किया। भारत कि आधी टीम 15 रन पर ढेर हो गयी। कप्तान कोहली जिनका एडिलेड में बढ़िया प्रदर्शन रहा है वह कृष्ण बनकर चीरहरण को रोकेंगे ऐसी आखरी आशा थी।
टेलिफोन नंबर 9420408404 बन गया भारतीय स्कोरकार्ड
कोहली ने चौका मारा पर उस प्रयास में उनका ड्राइव हवा में गया। कृष्ण भगवान ने लीला दिखाते हुए गेंद ग्रीन के हाथों से हिलाई परंतु आज का दिन मेजबानों का ही था गेंद छिटक कर फिर से ग्रीन के पंजो में जा फँसी। फिर क्या था सारे निचले क्रम के बल्लेबाज भी ऊपरी क्रम के बल्लेबाजों की तरह एकल अंक को पार न कर सके। मयंक अग्रवाल का 9 सबसे उच्च स्कोर रहा। टेलिफोन नंबर का स्वरूप पूरे स्कोरकार्ड पर छा गया।
शमी चोटिल भारतीय समस्याओं में और बढ़ोतरी
भारत 36 के स्कोर पर था और भारतीय क्रिकेट के 88 वर्ष के इतिहास में बने 42 रन के सबसे कम टोटल का स्तर पार करने के लिये जूझ रहा था तभी कमिन्स की गेंद शमी के कोहनी पर टकरायी। शमी चोटिल होकर मैच से बाहर हो गये। यह केवल इस मुकाबले का ही नहीं परन्तु पूरी शृंखला पर असर डालने वाला पल हो सकता है। इशांत, भुवनेश्वर के बाद शमी भी अनफिट रहे तो बूमरा अकेले अनुभवी गैंदबाज रह जायेंगे और मेजबान टीम का हौसला और बुलंद हो जायेगा।
जो बर्न्स का अर्धशतक और 8 विकेट से जीती ऑस्ट्रेलिया
भारतीय गेंदबाजी फिर से उमेश यादव ने शुरू की पर विकेट लेने के चक्कर में वह दिशा से भटके। बूमरा ने सटीक गेंदबाजी की और बर्न्स को मुश्किलों में डाला, परंतु लक्ष्य कम था और कंगारू बेबाक होकर खेले। वेड रन ऑउट और लाबुशाने कैच थमा बैठे पर बर्न्स जमे रहे और छह रन का विनिंग शॉट मारकर टीम की जीत सुनिश्चित की। भारतीय क्रिकेट इतिहास में आज का दिन एक दु:स्वप्न के भांति था और आखिरी छह रन भी जिस तरह कैच होते-होते छूट गए, साफ दर्शाता है कि आज का दिन मेजबानों का ही था।
इस हार से उबरना मुश्किल तो होगा पर यह सोचकर कि जितना बुरा होना था हो गया और आगे अच्छा होगा भारतीय टीम को अजिंक्या रहाणे की कप्तानी में उठ खड़ा होना पड़ेगा। संघर्ष करना होगा और आशा करते है कि ऐसा ही हो।