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गहलोत ने किया शक्ति प्रदर्शन, पायलट को मनाने की कोशिशें तेज

जयपुर। राजस्थान में सरकार बचाने की लंबी जद्दोजहद के बीच सोमवार दोपहर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया के सामने शक्ति प्रदर्शन कर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर दिया है। प्रदर्शन के साथ ही अब बागी उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को मनाने के प्रयास तेज हो गए हैं।

सूत्रों का कहना है कि पायलट को मनाने के लिए कांग्रेस के कई बड़े नेता लगे हुए थे, लेकिन अब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने राजस्थान की कमान संभाल ली है। बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी पायलट से वार्ता करने और उन्हें मनाकर वापस राजस्थान लाने की कोशिशों में जुट गई है।

सरकार पर आए संकट को टालने के लिए आज सुबह से ही मुख्यमंत्री निवास पर फिर से विधायकों की भीड़ ज़ुटना शुरू हो गई थी। आज खास बात यह रही कि सभी विधायकों को पुलिस सुरक्षा में मुख्यमंत्री निवास पर लाया गया। होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस के तीनों नेताओं ने बागी सचिन पायलट और उनके साथ ठहरे विधायकों को वापस लौटने की अपील की और उसके बाद वह भी मुख्यमंत्री निवास पर आ गए।

थोड़ी देर बाद मीडिया को मुख्यमंत्री निवास के अंदर बुलाया गया और अशोक गहलोत ने कांग्रेस के नेताओं के साथ मीडिया के सामने अपनी ताकत दिखा दी। इस दौरान दावा किया गया कि 100 के करीब विधायक मुख्यमंत्री निवास में मौजूद रहे।

अशोक गहलोत व अन्य कांग्रेसी नेताओं ने विक्ट्री साइन दिखाया। मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि उनके पास 102 विधायकों का समर्थन है। इस दौरान विधायक सोनिया गांधी और अशोक गहलोत के नारे लगाते रहे। मीडिया के बाहर जाने के बाद विधायक दल की बैठक शुरू हो गई।

यह विधायक नहीं पहुंचे

जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री निवास पर बुलाई गई विधायकों की बैठक में सचिन पायलट के साथ मुरारी लाल मीणा, जीआर खटाणा, इंद्रराज गुर्जर, हरीश मीणा, दीपेंद्र शेखावत, भंवरलाल शर्मा, विजेंद्र ओला, पीआर मीणा, राकेश पारीक, रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह, रामनिवास गावडिय़ा, मुकेश भाकर, हेमाराम चौधरी, गजेंद्र शक्तावत, अमर सिंह जाटव और सुरेश चौधरी नहीं पहुंचे। विधायक वेद प्रकाश सोलंकी और तीन अन्य निर्दलीय विधायक भी बैठक में नहीं पहुंचे।

पहले बैनर उतारे, बाद में फिर से लगाए

सरकार बचाने की गहमागहमी के बीच सुबह 11 बजे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर लगे उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के बैनर उतार दिए गए, लेकिन शक्ति प्रदर्शन के बाद अचानक फिर से पायलट के बैनर फिर से लगाए जाने लगे। कहा जा रहा है कि पार्टी अभी पायलट और उनके साथियों को कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए तैयार नहीं है। पार्टी अभी भी इन लोगों की घर वापसी की उम्मीद में लगी है।

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