जयपुरराजनीति

गहलोत (Gehlot) ने राहुल (Rahul) से मुलाकात (meeting) को सिरे से खारिज (rejected) किया, कहा जब तक कैबिनेट (cabinet) का पुनगर्ठन नहीं होगा तब तक मीडिया खेलता रहेगा अफवाहों का खेल

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Gehlot) ने दिल्ली दौरे के सात दिन बाद राहुल गांधी (Rahul) से मुलाकात (meeting) को नकार (rejected) दिया है। इससे पहले उनके ओएसडी ने ट्वीट कर गहलोत की राहुल गांधी से मुलाकात का खंडन किया था। शनिवार को खुद गहलोत ने राहुल गांधी से मुलाकात की बात का खंडन किया। गहलोत ने कहा कि 16 तारीख को राहुल गांधी से मेरी कोई मुलाकात हुई ही नहीं। हम लोग सुबह वर्किंग कमेटी की बैठक में मिले थे, तो आई-कैच जरूर हुआ होगा, बाकी मुलाकात कहीं नहीं हुई। शाम को तो सवाल ही पैदा नहीं होता।

गहलोत ने कहा कि हमारी एक कमेटी की मीटिंग हो रही थी, जिसमें प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन थे। इस बैठक पर जो खबरें मैने पढ़ी, उन पर मुझे बड़ी शर्म आती है कि मीडिया कहां जा रहा है। जब तक कैबिनेट (cabinet) का पुनगर्ठन नहीं होगा तब तक अफवाहों के खेल में मीडिया फंस गया है।

गहलोत शनिवार को एसएमएस अस्पताल में गांधीवादी सुब्बाराव से मिलने के बाद पत्रकारों से से बातचीत कर रहे थे। गहलोत 16 अक्टूबर को दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में शामिल होने के बाद शाम को राहुल गांधी के बंगले पर एआईसीसी की कमेटी की बैठक में हिस्सा लेने गए थे। उस बैठक में राजस्थान के मुद्दों पर चर्चा होने की बात सामने आ रही है। गहलोत ने उस दिन बैठक में राहुल गांधी के राजस्थान को लेकर नाराजगी की चर्चाओं को गहलोत ने सिरे से खारिज करते हुए मुलाकात से ही इनकार कर दिया।

गहलोत ने साफ किया कि इस बार के दिल्ली दौरे में न सोनिया गांधी और न राहुल गांधी ने गहलोत से मुलाकात की। राहुल गांधी के घर पर हुई बैठक को लेकर राजनीतिक स्तर पर जिस तरह की चर्चाएं चलीं, उसका गहलोत ने खुद सामने आकर जिस अंदाज में खंडन किया है, उसने भी नई चर्चाओं को बल दे दिया है। गहलोत मीडिया पर भी जमकर बरसे और यहां तक कह दिया कि मुझे शर्म आती है कि मीडिया कहां जा रहा है।

राहुल गांधी के घर पर बैठक वाले दिन गहलोत, प्रभारी अजय माकन में से किसी ने भी मीडिया के सवालों का जवाब देना उचित नहीं समझा था। उस दिन सभी नेता बिना रुके और मीडया के सवालों का जवाब दिए बिना सीधे निकल गए थे। राहुल के घर बैठक के बारे में कोई ब्यौरा नहीं देने से राजनीतिक स्तर पर अलग अलग अटकलें लगाई जाने लगीं। जब यह अटकलें गहलोत के खिलाफ जाने लगीं तो तीन दिन पहले ओएसडी लोकेश शर्मा से खंडन कराया और शनिवार को गहलोत ने खुद मोर्चा संभाला।

सीएम गहलोत ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को राजस्थान के नेताओं पर विश्वास है यही कारण है कि राजस्थान के भंवर जितेंद्र सिंह महामंत्री पहले से ही थे, डॉ.रघु शर्मा को गुजरात की और हरीश चौधरी को पंजाब की जिम्मेदारी सौंपी गई। पहले ही जुबेर खान, धीरज गुर्जर और कुलदीप इंदौरा पहले से ही पूर्ण जिम्मेदारी के साथ पार्टी का यूपी में काम कर रहे हैं।

गहलोत ने धरियावद और वल्लभनगर विधानसभा के उपचुनाव कांग्रेस की स्थिति को मजबूत बताया और आशा प्रकट की कि हम दोनों चुनाव जीतेंगे। उन्होंने भाजपा को लेकर कहा कि वह तो चौथे स्थान पर है। यूपी में भरतपुर के एक दलित परिवार को ले जाकर पुलिस द्वारा पीटने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने इस मामले में भरतपुर के आईजी को पूरे प्रकरण की जानकारी कर मुझे रिपोर्ट देने को कहा है, इसके बाद मैं अपने स्तर पर यूपी के सीएम को पत्र लिखकर पुलिस के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की बात करूंगा।

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