आर्थिकदिल्ली

जॉर्ज सोरोस: शातिर कारोबारी या दुनिया को नचाने वाला मदारी

हिंडनबर्ग की ताजा रिपोर्ट के जवाब में बीजेपी ने जॉर्ज सोरोस का नाम लिया है। बीजेपी का आरोप है कि सोरोस ने हिंडनबर्ग में खूब इनवेस्टमेंट कर रखा है।

जॉर्ज सोरोस… इस नाम को आप अक्सर सुर्खियों में पाते होंगे। हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट के बाद सोरोस फिर चर्चा में हैं। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद का आरोप है कि अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस ने हिंडनबर्ग में खूब पैसा लगा रखा है। भाजपा सोरोस का कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से कनेक्शन होने का आरोप भी लगा चुकी है। फोर्ब्स के मुताबिक, जॉर्ज सोरोस की नेट वर्थ 6.7 बिलियन डॉलर (5,62,44,82,50,000 रुपये) है। आखिर भारत की राजनीति में इस अरबपति कारोबारी का नाम बार-बार क्यों आता है?
जॉर्ज सोरोस और हिंडनबर्ग रिपोर्ट
हिंडनबर्ग रिसर्च नाम की शॉर्ट सेलिंग फर्म ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की। कंपनी ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच के खिलाफ बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस व अन्य विपक्षी दल इन आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, सत्तारूढ़ एनडीए का नेतृत्व कर रही बीजेपी ने यह मांग खारिज कर दी। बीजेपी ने कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और देश में निवेश को नष्ट करने के लिए एक ढकोसला है।
बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस हिंडनबर्ग में निवेशक हैं। प्रसाद के मुताबिक, सोरोस को उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चलाने के लिए जाना जाता है। पिछले साल जून में, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर सोरोस से रिश्ते होने का आरोप लगाया था। ईरानी ने कहा था कि उन्होंने सोरोस द्वारा फंड किए गए व्यक्तियों से मुलाकात की थी।
हिंडनबर्ग के आरोप और उनके जवाब
हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि सेबी चीफ बुच और उनके पति की कथित अडानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ‘विदेशी फंड’ में हिस्सेदारी थी। सेबी प्रमुख बुच और उनके पति ने एक संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है। अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के ताजा आरोपों को ‘दुर्भावनापूर्ण’ और ‘चुनिंदा सार्वजनिक सूचनाओं से छेड़छाड़ करने वाला’ बताया। समूह ने रविवार को कहा कि उसका सेबी की अध्यक्ष या उनके पति के साथ कोई वाणिज्यिक संबंध नहीं है।
जॉर्ज सोरोस कौन है?
फोर्ब्स के मुताबिक, जॉर्ज सोरोस का जन्म हंगरी के एक यहूदी परिवार में हुआ था। जब नाजियों ने हंगरी पर कब्जा किया तो उनके परिवार ने भागकर यूनाइटेड किंगडम में शरण ली। सोरोस, लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स में पढ़ाई करने चले गए। उस दौरान जॉर्ज सोरोस ने रेलवे कुली और वेटर के रूप में काम किया। ब्रिटेन और अमेरिका के कई मर्चेंट बैंकों में काम करने के बाद, 1969 में सोरोस ने अपना पहला हेज फंड लॉन्च किया। उसकी सफलता ने अगले साल दूसरे हेज फंड की राह खोली।
1992 में सोरोस ने ब्रिटिश पाउंड को शॉर्ट करके कथित तौर पर 1 बिलियन डॉलर का मुनाफा कमाया। उनकी पहचान ऐसे व्यक्ति की बन गई जिसने बैंक ऑफ इंग्लैंड का दिवाला निकाल दिया था।
94 साल के जॉर्ज सोरोस आज की तारीख में 6.7 बिलियन डॉलर की संपत्ति के मालिक हैं। फोर्ब्स के अनुसार, सोरोस ने ओपन सोसाइटी फाउंडेशन को 32 बिलियन डॉलर से ज्यादा का दान दिया है। 1979 और 2011 के बीच उन्होंने दुनियाभर में विभिन्न ‘परोपकारी कार्यों के लिए’ 11 बिलियन डॉलर से अधिक का योगदान दिया। वह अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के सबसे बड़े दानदाताओं में से एक हैं।
जॉर्ज सोरोस का भारत विरोधी रुख
हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले साल अडानी ग्रुप की कंपनियों पर रिपोर्ट जारी की थी। फरवरी 2023 में जॉर्ज सोरोस ने रिपोर्ट के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयर बेचने के बारे में बात की थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा था कि वे ‘लोकतंत्रवादी नहीं हैं’। सोरोस ने इशारा किया कि अडानी श्प्रकरणश् शायद भारत में लोकतंत्र के पुनरुत्थान का कारण बन सकता है। सोरोस ने रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर अमेरिका, तुर्की और चीन के सामाजिक और राजनीतिक हालात पर भी बात की थी।
हिंडनबर्ग की ताजा रिपोर्ट को खारिज करते हुए बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी के खिलाफ दिल में नफरत रखने वाले ये लोग अब उन्हें बेदखल करने का षड्यंत्र रच रहे हैं।
प्रसाद ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के क्षेत्राधिकार में अपनी जांच पूरी करने के बाद सेबी ने हिंडनबर्ग के खिलाफ जुलाई में एक नोटिस दिया था। अपने बचाव में जवाब देने की बजाय हिंडनबर्ग ने ये रिपोर्ट पेश की है, जो पूरी तरह आधारहीन है। हिंडनबर्ग में जॉर्ज सोरोस ने निवेश किया है, जो भारत के खिलाफ नियमित प्रोपेगेंडा चलाते हैं और मोदी सरकार को बदलना चाहते हैं। टूल किट वालों को भारत के विकास से कोई मतलब नहीं है, लेकिन कांग्रेस पार्टी को क्या हो गया है?’

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