जयपुर

खुशखबरी! खुशखबरी! खुशखबरी! कोरोनाकाल में शुद्ध ऑक्सीजन चाहिए तो नाहरगढ़ अभ्यारण्य (Nahargarh Sanctuary) आईये, रिसोर्ट, फार्महाउस बनाने के लिए इको सेंसेटिव जोन में वन विभाग (forest Department) की जमीन उपलब्ध

ऊपर लिखी हैडलाइन देखकर खुश होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह ऑफर आम लोगों के लिए नहीं बल्की सिर्फ रसूखदार लोगों के लिए है। जी हां, यह ऑफर एकदम सही ऑफर है, यदि आप रसूखदार हैं तो आप बहुत ही कम दामों में दोहरे आवंटन वाली वन विभाग (Forest Department) की जमीनों को खरीद सकते हैं और वहां काबिज हो सकते हैं।

नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य (Nahargarh Sanctuary) के ईको सेंसेटव जोन में दिल्ली रोड पर कूकस के पास कचेरावाला में काफी समय से दोहरे आवंटन वाली वन विभाग की जमीनों को रसूखदारों को बेचान करने कर खेल चल रहा है। आमेर तहसील के राजस्व अधिकारियों ने वर्ष 1990 के आस-पास वन विभाग की जमीनों का नामांतरण कुछ किसानों के नाम खोल दिया था, लेकिन वन विभाग ने इन जमीनों पर किसानों को आज तक काबिज नहीं होने दिया। अब यही किसान ओने-पौने दामों में दोहरे नामांतरण की जमीनों को रसूखदारों को बेच रहे हैं और रसूखदार वन विभाग को ठेंगा दिखाते हुए अपने रसूख के दम पर फार्म हाउस और रिसोर्ट का निर्माण कर रहे हैं।

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कचेरावाला में 60-70 बीघा वन विभाग की जमीन में दोहरे आवंटन का लोचा चल रहा है। कचेरावाला के आस-पास की जमीनें वन विभाग को 1961 में मिल गई थी। इसका गजट नोटिफिकेशन निकला हुआ था, लेकिन तहसील आमेर के राजस्व अधिकारियों ने गजट नोटिफिकेशन के बावजूद इन जमीनों का नामांतरण वन विभाग को नहीं किया।

वर्ष 1990 के आस-पास तहसील के राजस्व अधिकारियों ने इन जमीनों को गैर मुमकिन पहाड़ के नाम से टाइटल बताकर कुछ किसानों के नाम वन विभाग की जमीनों को नामांतरण खोल दिया। किसान जमीनों का कब्जा लेने पहुंचे तो वन विभाग ने उन्हें कब्जा नहीं लेने दिया, क्योंकि यह जमीनें 1961 में ही वन विभाग को आवंटित हो चुकी थी।

अब यह किसान जमीनों के नामांतरण और जमाबंदी के कागज लेकर घूमते रहते हैं और रसूखदार लोग इनसे ओने-पौने दामों में यह जमीनें खरीद रहे हैं। वन अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2018 में सरकार ने नाहरगढ़ अभ्यारण्य का ईको सेेंसेटिव जोन घोषित कर दिया और कचेरावाला का पूरा इलाका ईको सेंसेटिव जोन में आ चुका है, इसके बावजूद यहां विवादित जमीनों पर रिसोर्ट बनाए जाने का क्रम जारी है। वन विभाग की ओर से तहसील आमेर के राजस्व अधिकारियों की इस कारगुजारी की शिकायत के साथ दोहरे नामांतरणों को निरस्त करने के लिए कई बार लिखा जा चुका है, लेकिन कलेक्टर कार्यालय की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

दोहरो नामांतरण वाली 4 हैक्टेयर जमीन से अतिक्रमण हटाया
वन विभाग ने हाल ही में आमेर रेंजर नरेश मिश्रा के नेतृत्व में कचेरावाला वन क्षेत्र स्थित दोहरो नामांतरण वाली 4 हैक्टेयर जमीन से अतिक्रमण हटाया है। वन विभाग ने यहां पिलर संख्या 23 के पास से अतिक्रमण हटाया है, जहां एक रसूखदार अतिक्रमी लोहागढ़ रिसोर्ट द्वारा उक्त जमीन पर तार फेंसिंग कर कार्यालय बनाया हुआ था। भविष्य में इस जमीन को भी रिसोर्ट में ही शामिल किए जाने की संभावना थी।

हाईपॉवार कमेटी को करनी चाहिए पूरे अभ्यारण्य की जांच
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हाल ही में नाहरगढ़ फोर्ट में चल रही अवैध वाणिज्यिक गतिविधियों की जांच के लिए हाईपॉवर कमेटी बनाकर मामले की जांच और कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। इस कमेटी में जिला कलेक्टर, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन और राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल सदस्य हैं। कचेरावाला में अभ्यारण्य के ईकोलॉजिकल जोन में दोहरे आवंटन पर कार्रवाई भी जिला कलेक्टर को ही करनी है, ऐसे में नाहरगढ़ के साथ कमेटी को पूरे अभ्यारण्य का दौरा कर वन क्षेत्र और ईकोलॉजिकल जोन में चल रही वाणिज्यिक गतिविधियों की भी जांच कर लेनी चाहिए, क्योंकि राजधानी से सटा यह वन क्षेत्र पूरे शहर के पर्यावरण के लिए बेहद जरूरी है।

अभ्यारण्य के विस्तार के लिए जरूरी है कचेरावाला
कचेरावाला गांव तीन ओर पहाड़ियों और वन क्षेत्र से घिरा हुआ है। राजस्थान रेगिस्तानी क्षेत्र है और पूरे प्रदेश में वनों की हालत चिंताजनक है। कोविड महामारी के बाद जनता और सरकारों को वन और पर्यावरण का महत्व पता चला है। ऐसे में यदि भविष्य में नाहरगढ़ वन क्षेत्र के विस्तार की जरूरत पड़ी तो विस्तार के लिए कचेरावाला इलका विस्तार के लिए महत्वपूर्ण है।

Related posts

जयपुर में भिक्षावृत्ति (beggary) में लिप्त लोगों को पुलिस (police) की मदद से पकड़कर पुनर्वास गृहों (rehabilitation homes) में भर्ती कराया जाएगा

admin

राजस्थान में कोविड टेस्ट क्षमता बढ़ाने के लिए लगाईं 44 नई आरटीपीसीआर और 28 नई आरएनए एक्सट्रेक्शन मशीन

admin

वर्ष 2024 आपके लिए कैसा रहने वाला है, क्या कहते हैं आपकी राशि के सितारे..जानिए प्रख्यात ज्योतिषी और वास्तुविद् डॉ. अमित व्यास से..

Clearnews