राज्यपाल कलराज मिश्र ने दुर्घटना में अपना एक पैर गंवाने के बावजूद खेलों में देश का नाम रोशन करने वाले अंशुल बंसल को शनिवार को राजभवन में आयोजित एक संक्षिप्त कार्यक्रम में जर्मन तकनीक आधारित कृत्रिम पैर (ऑटो बॉक लेग) प्रदान किया।
मिश्र ने इस मौके पर कहा कि पर्वतारोहण के लिए विशेष रूप से निर्मित इस कृत्रिम पैर से अब अंशुल पर्वतारोहण में भी देश का नाम रोशन कर सकेगा। उन्होंने इसके लिए श्री गुरू देवा चेरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से भारत सरकार के उपक्रम आईएफसीआई सोशल फाउंडेशन द्वारा प्रदत्त इस सहयोग के लिए उनकी सराहना भी की। उल्लेखनोय है कि अंशुल ने दिव्यांग होते हुए भी पैरा स्पोट्र्स गेम्स, डिस्कस थ्रो, पॉवर लिफ्टिंग और साइकलिंग आदि खेलों में बहुत से पदक प्राप्त किए हैं।
मिश्र ने अंशुल द्वारा खेलों में प्राप्त उसकी सफलताओं के लिए सराहना करते हुए हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने श्री गुरू देवा चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा अंशुल की सहायता के लिए आगे आने के कदम की सराहना करते हुए इससे दूसरों को भी प्रेरणा लेने का आह्वान किया। इस अवसर पर श्री गुरू देवा चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष जगदीश बाबू और आईएफसीआई के महाप्रबंधक संजीव कुमार जैन ने दिव्यांग सहयोग के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी।